रात में एफिल टावर की फोटो खींचना है गैरकानूनी, जानें इसके बारे में कुछ अनसुनी बातें

2015 में एफिल टावर दुनिया का सबसे ज्यादा घूमा गया पर्यटन स्थल था। उस वक्त करीब 6.91 मिलियन लोगों ने इसे देखा था। एफिल है ही इतना सुंदर कि जो भी उसका दीदार करता है, वह उसे देखता रह जाता है। चलिए, जानते हैं एफिल से जुड़ी कुछ मजेदार बातें… तोड़ा जाने वाला था एफिल.

2015 में एफिल टावर दुनिया का सबसे ज्यादा घूमा गया पर्यटन स्थल था। उस वक्त करीब 6.91 मिलियन लोगों ने इसे देखा था। एफिल है ही इतना सुंदर कि जो भी उसका दीदार करता है, वह उसे देखता रह जाता है। चलिए, जानते हैं एफिल से जुड़ी कुछ मजेदार बातें…

तोड़ा जाने वाला था एफिल टावर : एफिल टावर का निर्माण 1889 में हुआ था। उसे वहां आयोजित हुए विश्व मेले के प्रवेश द्वार के रूप में तैयार किया गया था और बाद में उसे तोड़ने की योजना थी, पर इसकी सुंदरता, बढ़ती लोकप्रियता और इसे रेडियो एंटिना बनाने की योजना को पूरा करने के लिए इसे न तोड़ने का फैसला लिया गया।

करीब 10 माले के बराबर है एफिल की ऊंचाई यह पेरिस का सबसे ऊंचा स्ट्रक्चर है। इसकी ऊंचाई करीब 81 माले वाली इमारत के बराबर है। अगर कोई व्यक्ति इसके सबसे ऊपर वाले माले पर पहुंचना चाहता है तो उसे 1,665 सीढियां चढ़नी होंगी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब दुनिया का सबसे क्रूर आदमी हिटलर पेरिस पहुंचा तो एफिल टावर के लिफ्ट की केबल काट दी गई थी, ताकि हिटलर एफिल टावर के सबसे ऊपर न पहुंच सके, क्योंकि 1,665 सीढ़ियां चढ़ना किसी के लिए बिल्कुल आसान काम नहीं है।

किसके नाम पर पड़ा एफिल टावर का नाम : एफिल टावर का नाम गुस्तव एफिल के नाम पर रखा गया था। वह एक इंजीनियर थे और उनकी कंपनी ने ही एफिल को डिजाइन और उसका निर्माण किया था। गुस्तव ने अमेरिका के स्टैच्यू आॅफ लिबर्टी के कुछ हिस्से को भी डिजाइन किया था। एफिल टावर के सबसे ऊपर वाले माले पर गुस्तव का एक लैट भी था।

रात में तस्वीर खींचना है अपराध : रात में एफिल टावर की फोटो खींचना गैरकानूनी है। फोटो खींचने के लिए वहां के संचालकों से इजाजत लेनी पड़ती है। दरअसल एफिल टावर पर लगी लाइट्स के डिजाइन पर उसके कलाकारों का कॉपीराइट है। यूरोप के कॉपीराइट कानून के मुताबिक, कॉपीराइट वाली चीजों की तस्वीरें खींचना कॉपीराइट नियम का उल्लंघन है।

एफिल टावर पर झूला : 1891 में फ्रांस के एक आविष्कारक कैरन ने एक ऐसा झूला बनाने की योजना बनाई, जिसकी सवारी करने वाले लोगों को एफिल टावर के सबसे ऊंचे हिस्से से करीब 1,000 फीट नीचे यानी जमीन पर स्थित तालाब में फैंका जाता। लेकिन उनकी यह योजना सफल नहीं हो पाई, क्योंकि ऐसा करने से लोगों की जान जाने का डर था।

10 हाथियों के बराबर पेंट का होता है इस्तेमाल : एफिल टावर को रंगने में 10 हाथियों के वजन के बराबर पेंट का इस्तेमाल किया जाता है। हर सात साल पर इसे पेंट किया जाता है, जिसमें 60 टन पेंट खर्च हो जाता है।

निर्माण में लगा था इतना वक्त : इसके निर्माण में 300 कारीगरों ने काम किया था। साथ ही इसे बनाने में खास तरह के 18,038 लोहे के टुकडेÞ और 2.5 मिलियन कील का इस्तेमाल हुआ था। वहीं, इसे तैयार करने में दो साल, दो महीने और पांच दिन का वक्त लगा था। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स नाम के एक देश ने एफिल टावर के आकार वाला एक 10 डॉलर का सिक्का जारी किया था।

एफिल टावर की कुछ और खास बात

यहां रोशनी के लिए 20,000 बल्ब लगाए गए हैं। साल 2013 से हर दिन रात 1 बजे यहां की लाइट्स बुझा दी जाती हैं, ताकि बिजली की बचत हो सके।

पूरी दुनिया में एफिल टावर के 30 प्रतिरूप हैं। वैसे, लंदन ने एक ऐसे स्ट्रक्चर के निर्माण की शुरुआत की थी, जो ऊंचाई में एफिल टावर को पीछे छोड़ देता, पर
उसका निर्माण पूरा नहीं हो सका और आखिर में उस स्ट्रक्चर को कुछ सालों बाद तोड़ दिया गया।

वर्ष 1902 में बिजली के झटके ने एफिल टावर के ऊपरी हिस्से को काफी नुक्सान पहुंचाया था, जिसके बाद उस हिस्से का दोबारा निर्माण किया गया।

बदलते तापमान की वजह से इसकी ऊंचाई में 5.6 इंच का अंतर आ जाता है। इसके अलावा तेज हवा में यह टावर 2-3 इंच नीचे झुक जाती है।

पहले पेरिस की बजाए स्पेन के बार्सिलोना में एफिल टावर का निर्माण किया जाने वाला था, पर इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। 41923 में एक व्यक्ति ने किसी से लगाई शर्त के मुताबिक साइकिल से टावर की सीढ़ियों पर चढ़ाई की। वह यह शर्त जीत गया, लेकिन उसे इस गैरकानूनी काम के लिए स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

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