गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की तरफ से होने वाला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम एक तरफ सामाजिक समता का प्रतीक हैं तो वहीं दूसरी तरफ यह समाज की बड़ी विकृति दहेज प्रथा पर कड़ा प्रहार भी है।
योगी रविवार को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) के परिसर में 1200 जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा का कोई बंधन नहीं है। हिंदू, मुस्लिम या अन्य मतावलंबी, सभी अपनी-अपनी परंपरा के अनुरूप विवाह के पवित्र बंधन में जुड़ रहे हैं।
सात वर्ष में 3 लाख 84 हजार शादियां
योगी ने कहा, साथ ही यह कार्यक्रम दहेज, बाल विवाह और अश्पृश्यता के खिलाफ सरकार द्वारा शुरू की गई एक लड़ाई और अभियान भी है। मुख्यमंत्री योगी ने कार्यक्रम में कहा कि कई बार दहेज के कारण योग्य कन्याएं विवाह बंधन से नहीं जुड़ पाती थीं, ऐसे में सामूहिक विवाह कार्यक्रम से जुड़ने वाले सभी युवक-युवतियों ने दहेज लेने और देने को न कर समाज में आदर्श प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक सात वर्ष में तीन लाख 84 हजार शादियां करा चुकी है।
योगी ने संभावना जताते हुए कहा कि यह सत्र संपन्न होने पर यह संख्या चार लाख से अधिक हो चुकी होगी।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम को अभियान रूप में चलाया जा रहा है
योगी ने कहा कि गरीब बेटियों को दहेज के भेड़ियों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के कार्यक्रम हर जिले में हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि कोई बेटी दहेज के कारण अनव्याही न रहे, इसके लिए ही सामूहिक विवाह कार्यक्रम को अभियान रूप में चलाया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अच्छे कार्यों की श्रृंखला शरू की, जिसमें महिलाओं के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नारी गरिमा की रक्षा के लिए गांव-गांव, घर-घर व्यक्तिगत शौचालय बनवाए, मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए, मुफ्त राशन और आवास मुहैया कराना शामिल है।