नई दिल्ली: अल्जाइमर रोग के मामलों में वैश्विक वृद्धि के बीच, बुधवार को एक अध्ययन से पता चला है कि मुंह और जीभ पर मौजूद बैक्टीरिया मस्तिष्क की खराब कार्यप्रणाली और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग के जोखिम का संकेत दे सकते हैं। हमारे मुंह में कुछ बैक्टीरिया ऐसे होते हैं जो हमारी याददाश्त और ध्यान बढ़ा सकते हैं। लेकिन कुछ बैक्टीरिया ऐसे भी होते हैं जिनसे अल्जाइमर जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने यह बात बताई है। इन वैज्ञानिकों ने पाया है कि हानिकारक बैक्टीरिया हमारे खून में जाकर हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, ये बैक्टीरिया हमारे शरीर में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन बिगाड़ सकते हैं।
इससे नाइट्रेट का नाइट्रिक ऑक्साइड में कन्वजर्न कम हो जाएगा – जो मस्तिष्क संचार और याददाश्त निर्माण के लिए महत्वपूर्ण रसायन है। एक्सेटर मैडीकल स्कूल की प्रमुख शोधकर्ता डॉ जोआना लेहुरेक्स ने कहा, ‘हमारे शोध से पता चलता है कि कुछ बैक्टीरिया उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।‘ लेहुरेक्स ने दांतों की जांच के दौरान बैक्टीरिया के स्तर को मापने और मस्तिष्क स्वास्थ्य में गिरावट के बहुत शुरुआती संकेतों का पता लगाने के लिए नियमित परीक्षण करने का आग्रह किया।