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डिप्रैशन और एंग्जाइटी की दवाएं मस्तिष्क के इलाज में भी मददगार

नई दिल्ली: एक शोध में यह बात सामने आई है कि डिप्रैशन और एंग्जाइटी के इलाज के लिए आमतौर पर दी जाने वाली दवाएं मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकती है। जर्नल बायोलॉजिकल साइकियाट्री में प्रकाशित शोध से पता चला है कि एसएसआरआई (सिलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स) डिप्रैशन और एंग्जाइटी की दवाओं में वर्बल मैमोरी को सुधारने की क्षमता है। वर्बल मैमोरी वह क्षमता है जिससे हम भाषा के माध्यम से प्रस्तुत शब्दों, वाक्यों, कहानियों को याद रखते हैं। सेरोटोनिन को अक्सर ‘अच्छा महसूस कराने वाला’ रसायन कहा जाता है और मस्तिष्क में प्रसारित होने वाले सेरोटोनिन के उच्च स्तर से स्वास्थ्य की भावना बढ़ती है, अधिकांश पीड़ितों में इससे अवसाद को कम किया जा सकता है।

नीदरलैंड के कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने आठ सप्ताह तक रोजाना एसएसआरआई एस्सिटालोप्राम लेने से पहले और बाद में 90 रोगियों में मस्तिष्क की जांच की। टीम ने सेरोटोनिन रिसेप्टर, 5ळ4 रिसेप्टर की मात्र को मापने के लिए मरीजों के मस्तिष्क को स्कैन किया। रोगियों को मूड और संज्ञानात्मक क्षमताओं को मापने के लिए भी कई परीक्षण किए गए। मस्तिष्क में 5ळ4 रिसेप्टर की मात्र मापने के लिए लगभग 40 रोगियों के मस्तिष्क को फिर से स्कैन किया गया। परिणामों से पता चला कि मस्तिष्क में 5ळ4 रिसेप्टर का स्तर लगभग 9 प्रतिशत कम हो गया था और इससे रोगियों के मूड में भी सुधार देखने को मिला। शोधकर्ताओं ने कहा, ’ आगे के संज्ञानात्मक परीक्षणों में सुधार दिखाई दिया, जिससे पता चला कि 5ळ4 रिसेप्टर में जितना कम बदलाव हुआ, संज्ञानात्मक परिणाम उतना ही बेहतर था। यह शोध शब्दों को याद करने की क्षमता के लिए विशेष रूप से प्रमुख थी।

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