नई दिल्ली: एक शोध में यह बात सामने आई है कि टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रैशर और धूम्रपान के कारण महिलाओं की तुलना में पुरुष 10 साल पहले डिमैंशिया का शिकार हो सकते हैं। जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी न्यूरो सजर्री एंड साइकियाट्री में ऑनलाइन प्रकाशित एक दीर्घकालिक शोध से पता चला है कि डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रैशर और धूम्रपान जैसे हृदय रोग से पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा 10 साल पहले मनोभ्रंश (डिमैंशिया) की शुरुआत हो सकती है। पुरुषों में यह मनोभ्रंश की स्थिति 50 से 70 के बीच, वहीं महिलाओं को यह परेशानी 60 से 70 साल के बीच देखने को मिलती है। ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क के सबसे कमजोर भाग ऑडिटोरी इंफॉर्मेशन, विजुअल परसैप्शन, इमोशनल प्रोसैसिंग और मैमोरी है। शोध में पाया गया कि हानिकारक प्रभाव उन लोगों में भी स्पष्ट हैं जिनके पास उच्च जोखिम वाला एपीओई4 जीन नहीं था।
शोधकर्ताओं ने बताया, कार्डियोवैस्कुलर रिस्क का हानिकारक प्रभाव कॉर्टिकल एरिया पर ज्यादा था, जिससे यह पता चलता है कि कार्डियोवैस्कुलर रिस्क किस प्रकार सोचने समझने की क्षमता पर असर डालते हैं।’ अध्ययन में यूके बायोबैंक के 34,425 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिनमें से सभी ने पेट और मस्तिष्क दोनों का स्कैन करवाया था। उनकी औसत आयु 63 वर्ष थी, लेकिन वह 45 से 82 वर्ष के बीच थी। परिणामों से पता चला कि पेट की चर्बी और आंत के वसा ऊतकों (टिशू) के बढ़े हुए स्तर वाले पुरुषों और महिलाओं दोनों में मस्तिष्क के ग्रे मैटर की मात्र कम थी।