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दवाइयां नहीं बल्कि ये योगासन आपको देंगे पेट दर्द से छुटकारा!

आज कल के लाइफस्टाइल में पेट दर्द जैसी परेशानियां आम हो गई हैं। गलत खान-पान इसका सबसे बड़े कारणों में से एक है और इससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे- गैस, कब्ज या अपच से परेशान होने के साथ ही पेट दर्द का सामना करना भी पड़ जाता हैं। ऐसे में लोग पेट दर्द होने के तुरंत बाद दवाइयां खाने लगते हैं जिससे कुछ समय के लिए तो आपको राहत इससे जरूर मिलेगी लेकिन अंदर से ये समस्या खत्म नहीं होती। ऐसे में आज हम आपको कुछ योगासन बताएंगे जिन्हें आप जरूर अपनाएं क्योंकि आपको इससे पेट दर्द की परेशानी जड़ से खत्म होने में मदद मिलेगी।

पार्श्व सुखासन: पार्श्व सुखासन करने के लिए सबसे पहले साफ जगह पर योग मैट बिछा लें। अब सुखासन में यानी दोनों पैरों को क्रॉस करके आराम से बैठ जाएं। अब बाएं हाथ को हवा में उठाएं और दाएं हाथ को पैरों से दूर जमीन पर रखें। इसके बाद दाहिनी तरह कमर से झुक जाएं। कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहते हुए सामान्य गति से सांस लेते रहें। इसके बाद सीधे हो जाएं और ऐसा ही बाईं तरफ से करें। इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहरा सकते हैं।

भुजंगासन: भुजंगासन करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, बॉडी टोन भी होती है। इस आसन को करने से पाचन में सुधार होता है। गैस, अपच और कब्ज की वजह से होने वाले पेट दर्द में भी आराम मिलता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं। पूरे शरीर को बिल्कुल सीधा रखें और पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर रखें। इसके बाद हाथों को कोहनी से मोड़कर हथेलियों को कंधों के पास जमीन पर रखें। अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे हाथों के सहारे नाभि तक के हिस्से को ऊपर उठाएं। फिर जितना संभव हो सके सिर को पीछे की तरफ ले जाएं। कुछ देर इसी अवस्था में रहते हुए सामान्य गति से सांस लेते रहें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस योगासन को 4-5 बार दोहरा सकते हैं।

सुप्त मत्स्येन्द्रासन:इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को कंधों की सीध में दोनों तरफ फैला लें। दाएं पैर को घुटनों से मोड़ लें। इसके बाद दाएं पैर को बाएं घुटने पर टिका लें। अब सांस छोड़ते हुए पीठ को बाईं तरफ मोड़ लें, ताकि दायां घुटना जमीन से स्पर्श कर सके और सिर को दाईं तरफ मोड़ें। इस अवस्था में आपका सिर और शरीर अलग-अलग दिशा में मुड़े हुए होने चाहिए। इस मुद्रा में 30-60 सेकंड तक रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। फिर ऐसा ही दूसरी तरफ से करें। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहरा सकते हैं।

विपरीत करनी आसन: इसे करने के लिए दीवार के करीब बैठकर अपने पैरों को फर्श पर रखें। अपनी पीठ के बल लेटें और पैरों को दीवार से लगाकर सीधा करें। अब दीवारों के सहारे अपने पैरों को ऊपर उठाएं। अब धीरे-धीरे अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। अपने शरीर को अपने हाथों से सपोर्ट करें। अपनी गर्दन, कंधे और चेहरे को स्थिर रखें। इस अवस्था में 5 मिनट तक गहरी सांस लें और सांस छोड़ें।

पवनमुक्तासन: इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए शरीर के पास लेकर आएं। फिर हाथों से घुटनों को पकड़ लें और सांस लेते हुए धीरे-धीरे उन्हें छाती के पास लेकर आएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए सिर को घुटने से लगाने का प्रयास करें। कुछ देर इसी स्थिति में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें। फिर सांस लेते हुए सिर को नीचे ले आएं और पैरों को भी सीधा कर लें। पेट दर्द होने पर इस आसन को 3-5 बार दोहराया जा सकता है।

 

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