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मोटे लोगों में ब्लड कैंसर होने का खतरा अधिक, स्टडी में आया सामने

न्यूयॉर्क: नए शोध के अनुसार, मोटे लोगों में बिनाइन ब्लड कंडीशन होने की संभावना अधिक होती है जो अक्सर मल्टीपल मायलोमा (प्लाज्मा सैल्स का बल्ड कैंसर) से पहले होती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि वजन, धूम्रपान की आदतें और व्यायाम किसी के मल्टीपल मायलोमा विकसित होने की संभावना को प्रभावित कर सकते हैं। बिनाइन ब्लड कंडीनशन जिसे अनिर्धारित महत्व की मोनोक्लोनल गैमोपैथी (एमजीयूएस) कहा जाता है, प्लाज्मा सैल्स द्वारा उत्पादित एक असामान्य प्रोटीन की विशेषता है, जो मल्टीपल मायलोमा का एक ज्ञात अग्रदूत है।

एमजीयूएस वाले अधिकांश लोगों में कोई महत्वपूर्ण लक्षण नहीं दिखते हैं और वे तुरंत बीमार नहीं होते हैं। ब्लड एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि एमजीयूएस की उपस्थिति मल्टीपल मायलोमा जैसी अधिक गंभीर स्थितियों के संभावित विकास की निगरानी के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करती है जो एमजीयूएस में बदल सकती है।

मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के इंटरनल मैडीसिन रैजीडैंट डेविड ली ने बताया, ‘मल्टीपल मायलोमा के लिए चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है यह एक लाइलाज बीमारी बनी हुई है जिसका अक्सर निदान तब किया जाता है जब मरीजों को पहले से ही अंतिम अंग क्षति का अनुभव हो चुका होता है।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुसंधान समूह एमजीयूएस के जोखिम कारकों और एटियोलॉजी की जांच करने पर केंद्रित है ताकि यह बेहतर ढंग से समझा जा सके कि एमजीयूएस विकसित होने और इसके मल्टीपल मायलोमा में बढ़ने का खतरा किससे बढ़ सकता है।

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