दुनियाभर में हर चार में से एक व्यक्ति खून की कमी से प्रभावित

सिएटल : एनीमिया या खून की कमी स्वास्थ्य संबंधी एक अहम समस्या है जिससे दुनियाभर में कम से कम दो अरब लोग प्रभावित हैं। यह दुनिया भर में लोगों में पाई जाने वाली आम समस्याओं मसलन कमर के निचले हिस्से में दर्द, मधुमेह या बेचैनी और अवसाद आदि से भी आम है। इसके बावजूद पिछले.

सिएटल : एनीमिया या खून की कमी स्वास्थ्य संबंधी एक अहम समस्या है जिससे दुनियाभर में कम से कम दो अरब लोग प्रभावित हैं। यह दुनिया भर में लोगों में पाई जाने वाली आम समस्याओं मसलन कमर के निचले हिस्से में दर्द, मधुमेह या बेचैनी और अवसाद आदि से भी आम है। इसके बावजूद पिछले कुछ दशकों में एनीमिया को कम करने की दिशा में किए गए वैश्विक निवेश भी इसे दूर करने में सफल नहीं हो पाए हैं। किसी व्यक्ति में एनीमिया तब होता है जब उसके रक्त में पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कणिकाओं की कमी हो जाती है।

शरीर के अंगों में कम ऑक्सीजन पहुंचने से एनीमिया के कई आम लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिनमें थकान होना, सांस ठीक से नहीं ले पाना, चक्कर आना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और रोजमर्रा के काम करने में मुश्किलें आना शामिल हैं। स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इन प्रभावों के अलावा एनीमिया के कारण बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर भी असर पड़ सकता है। खून की कमी की वजह से वयस्कों में स्ट्रोक आने, हृदय से जुड़े रोग, मनोभ्रंश और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने से महिला में चिंता और अवसाद की समस्या हो सकती है, समयपूर्व प्रसव, प्रसव के बाद रक्तस्राव, मृत शिशु का जन्म और जन्म के वक्त शिशु का वजन कम होना आदि समस्याएं सामने आ सकती हैं। माता में खून की कमी होने से मां और बच्चे दोनों में संक्रमण होने की भी आशंका होती है।

एनीमिया वैश्विक समस्या है। खून की साधारण सी जांच से एनीमिया का पता लगाया जा सकता है और इसके कई कारण हो सकते हैं। स्वस्थ लाल रक्त कणिकाओं में कमी लाल रक्त कणिकाओं की अत्यधिक हानि के कारण हो सकती है मसलन रक्तस्राव होना या शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा इनका नाश किया जाना। नई लाल रक्त कणिकाओं के उत्पादन में कमी या इनकी सामान्य संरचना या जीवनकाल में परिवर्तन के कारण भी एनीमिया हो सकता है। विश्व स्तर पर, एनीमिया दिव्यांगता का तीसरा सबसे बड़ा कारण है।

हमारे हाल के अध्ययन में पाया गया कि लगभग चार में से एक व्यक्ति को एनीमिया है। यह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में अधिक है। इनमें से एक तिहाई एनीमिया से पीड़ित हैं। एनीमिया के मामले विशेष रूप से उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में अधिक है। हमारा अनुमान है कि वहां 40 प्रतिशत लोगों को अथवा हर पांच में से दो लोगों को एनीमिया है। विश्व स्तर पर एनीमिया को कम करना इसके कई अंर्तनिहित कारणों की वजह से काफी जटिल है। एनीमिया का सबसे बड़ा कारण आहार में लौह तत्वों (आयरन) की कमी है।

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