लंदन: दुनिया भर की मिट्टी में पोटेशियम की कमी हो रही है, जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक एक प्रमुख पोषक तत्व है। इसका अंतत: मतलब यह है कि हम सभी के लिए पर्याप्त भोजन उगाने में सक्षम नहीं रह जाएंगे, लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है। ये शोध विल ब्राऊनली, यूके सैंटर फॉर इकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी; मार्क मसलिन, यूनिर्विसटी कॉलेज ऑफ लंदन, और पीटर एलैक्जैंडर, द यूनिर्विसटी ऑफ एडिनबर्ग द्वारा किया गया।
विल ब्राऊनली ने कहा कि हमने अभी 6 चीजों की पहचान करते शोध प्रकाशित किया है जो हमें पोटैशियम आपूíत और खाद्य उत्पादन की सुरक्षा के लिए करना चाहिए। पौधों की वृद्धि के लिए नाइट्रोजन और फास्फोरस के साथ-साथ पोटैशियम की भी आवश्यकता होती है, जबकि नाइट्रोजन और फास्फोरस से जुड़े पहलू व्यापक रूप से ज्ञात हैं। पोटैशियम इस मामले में पीछे रहता है। दुनिया भर में लगभग 20}?कृषि मिट्टी पोटेशियम की कमी से जूझ रही है, खासकर पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, लैटिन अमरीका और उप-सहारा अफ्रीका में। वैश्विक स्तर पर खेतों में उर्वरकों के रूप में मिलाए जाने की तुलना में अधिक पोटैशियम फसल में निकाला जा रहा है-पोटैशियम की थोड़ी मात्र हमारे द्वारा उगाई जाने वाली प्रत्येक फसल के लिए आवश्यक है।