नई दिल्ली: अगर आप धूम्रपान के साथ-साथ शराब पीने के भी आदी हैं, तो अब आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। अगर आप ऐसा करते रहेंगे, तो भविष्य में आप देखने की क्षमता खो सकते हैं। डॉक्टरों ने यह खुलासा किया है। धुम्रपान से दिल, लीवर और फेफड़े तो खराब होते ही हैं, लेकिन अब डॉक्टरों ने खुलासा कर दिया है कि इसका नकारात्मक असर आपकी दृष्टि क्षमता पर भी पड़ सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने से दृष्टि क्षमता में कमी, मोतियाबिंद होता है। डॉ. धीरज गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार – नेत्र विज्ञान, मारेंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने बताया कि धूम्रपान के कारण ‘आंखों सहित पूरे शरीर में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं‘।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, ‘‘इस संकुचन से मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद जैसी स्थितियों के विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान से आंखों की धमनियों में रुकावट हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर दृष्टि हानि या अंधापन भी हो सकता है।’’
सेंटर फॉर साइट नई दिल्ली के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. महिपाल सिंह सचदेव ने कहा, ‘‘धूम्रपान से मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी, मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन (AMD) का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, यह आंखों में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दूसरी ओर, विशेषज्ञों ने कहा कि शराब का सेवन आप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है, जो आंख से मस्तिष्क तक दृश्य जानकारी प्रसारित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
डॉ धीरज ने कहा, ‘‘लगातार शराब के सेवन से आप्टिक तंत्रिका में ह्रास हो सकता है, जिसके चलते स्थायी आंशिक या पूर्ण अंधापन हो सकता है। आप्टिक तंत्रिका को यह क्षति अल्कोहलिक आप्टिक न्यूरोपैथी जैसी स्थिति के रूप में प्रकट हो सकती है, जो धुंधली दृष्टि, ब्लाइंड स्पॉट और यहां तक कि कलर विजन में हानि जैसे लक्षण पैदा कर सकती है।’’
कुल मिलाकर, अच्छा नेत्र स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए धूम्रपान और शराब दोनों के सेवन में कटौती की आवश्यकता है। विशेषज्ञों ने आंख की समस्या का शीघ्र पता लगाने और बेहतर उपचार में मदद करने के लिए नियमित नेत्र परीक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। डॉ. धीरज ने कहा, ‘आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन कम करना या उससे दूर रहना आवश्यक है।