प्रतिदिन के घरेलू कामकाज समेत छोटी-छोटी अन्य आकस्मिक गतिविधियों से दिल का दौरा, स्ट्रोक और यहां तक कि समय से पहले मौत का खतरा भी कम हो जाता है। ‘द लांसेट पब्लिक हैल्थ’ के शोध के आधार पर यह दावा किया गया है। हालांकि, दैनिक गतिविधि की अवधि और तीव्रता भी मायने रखती है। सिडनी विश्वविद्यालय के नेतृत्व में ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया की शोध टीम ने अध्ययन के दौरान लगभग 8 साल तक ब्रिटेन के 25,000 से अधिक वयस्कों पर नजर रखी। अध्ययन के वरिष्ठ लेखक इमैनुअल स्टैमाटाकिस (सिडनी विश्वविद्यालय) ने कहा, ‘सीढ़ियां चढ़ने से लेकर तेजी से फर्श साफ करने तक, हाल के वर्षों में हम यह समझे हैं कि यह केवल संरचनात्मक व्यायाम नहीं है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि हम इस बारे में बहुत कम जानते हैं कि छोटीछोटी अवधि की आकस्मिक गतिविधि हमें कैसे स्वास्थ्य लाभ पहुंचाती है।’ अध्ययन में शामिल वयस्कों की उम्र 42-78 वर्ष थी, जिनमें से सभी ने स्वयं बताया कि उन्होंने व्यायाम या खेल में कोई भागीदारी नहीं की है। शोधकर्ताओं ने ब्रिटिश बायोबैंक और मशीन लर्निंग से डेटा का उपयोग किया और उनकी सातदिवसीय आकस्मिक शारीरिक गतिविधि के पैटर्न का विश्लेषण किया जिसमें 10 सैकेंड तक की गतिविधि को भी शामिल किया गया। इसके बाद उन्होंने इन शारीरिक गतिविधि के सूक्ष्म पैटर्न की प्रतिभागियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड से तुलना की। इसके लिए उन्होंने प्रतिभगियों पर 8 साल तक नजर रखी ताकि यह समझ सकें कि छोटी-छोटी शारीरिक गतिविधियों की अवधि और तीव्रता का स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पूरे दिन की करीब सभी शारीरिक गतिविधि (97 फीसदी) कई ‘स्लॉट’ (टुकड़े) के रूप में संचित थी जिनमें से हर स्लॉट 10 मिनट से छोटा था।
दैनिक गतिविधि की अवधि और तीव्रता भी रखती है मायने
सडनी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च फेलो मैथ्यू अहमदी ने कहा, ‘दैनिक जीवन की गतिविधियों के माध्यम से मध्यम से मजबूत गतिविधि की छोटी-छोटी अवधि सुनिश्चित करने का विचार शारीरिक गतिविधि को उन लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाता है जो संरचनात्मक व्यायाम में भाग लेने के इच्छुक या असमर्थ हैं।’ लेकिन उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों की अवधि और तीव्रता भी मायने रखती है। उन्होंने पाया कि इन ‘स्लॉट’ में ‘मध्यम’ या ‘जोरदार’ तीव्र गतिविधि दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी प्रमुख हृदय संबंधी घटनाओं और किसी भी कारण से मृत्यु के खतरे में भारी कमी से जुड़ी थी। इसके अलावा उन्होंने पाया कि एक शारीरिक गतिविधि के दौरान जो लोग प्रति मिनट कम से कम 10 सैकेंड या इस गतिविधि की अवधि के 15 प्रतिशत के लिए श्वसन गति बढ़ाने वाले काम करते हैं, उन्हें सबसे अधिक लाभ मिला।