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धूम्रपान करने से तेजी से आ सकता है बुढ़ापा : अध्ययन

बीजिंगः एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने से बुढ़ापा जल्दी आ सकता है। यदि आप लंबे समय तक युवा और स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो धूम्रपान छोड़ दें क्योंकि यह न केवल आपके फेफड़ों और समग्र स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि आपकी उम्र भी तेजी से बढ़ा सकता.

बीजिंगः एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने से बुढ़ापा जल्दी आ सकता है। यदि आप लंबे समय तक युवा और स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो धूम्रपान छोड़ दें क्योंकि यह न केवल आपके फेफड़ों और समग्र स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि आपकी उम्र भी तेजी से बढ़ा सकता है। यह अध्ययन लगभग 500,000 लोगों पर किया गया। मिलान, इटली में यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में प्रस्तुत अध्ययन से पता चला कि धूम्रपान हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की श्वेत रक्त कोशिकाओं में क्रोमोसोम के अंतिम टुकड़े को छोटा कर देता है।

इन अंतिम टुकड़ों की लंबाई, जिन्हें टेलोमेरेस कहा जाता है, इस बात का संकेतक है कि हम कितनी जल्दी बूढ़े हो जाते हैं और हमारी कोशिकाओं की मरम्मत और पुनर्जीवित होने की क्षमता कितनी है। चीन में हांगझू नॉर्मल यूनिवर्सटिी में स्कूल ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर सियू दाई ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन से पता चलता है कि धूम्रपान की स्थिति और सिगरेट की मात्र के परिणामस्वरूप ल्यूकोसाइट टेलोमेर की लंबाई कम हो सकती है, जो टिश्यू की स्व-मरम्मत, पुनजर्नन और उम्र बढ़ने का एक संकेतक है। दूसरे शब्दों में, धूम्रपान उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है, जबकि छोड़ने पर जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है।

टेलोमेरेस दोहराए जाने वाले डीएनए अनुक्रमों की लंबाई हैं जो क्रोमोसोम के सिरों की रक्षा करते हैं। हर बार जब कोई कोशिका विभाजित होती है, तो टेलोमेर थोड़े छोटे हो जाते हैं, अंतत: इतने छोटे हो जाते हैं कि कोशिका सफलतापूर्वक विभाजित नहीं हो पाती और वह मर जाती है। यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का हिस्सा है। श्वेत रक्त कोशिकाओं (जिन्हें ल्यूकोसाइट्स कहा जाता है) में टेलोमेयर की लंबाई को पहले धूम्रपान से जोड़ा गया है, लेकिन, अब तक, इस बात पर बहुत कम शोध हुआ है कि क्या धूम्रपान की स्थिति और धूम्रपान की गई सिगरेट की मात्र वास्तव में टेलोमेयर की लंबाई में कमी का कारण बनी है।

शोधकर्ताओं ने 4,72,174 यूके बायोबैंक प्रतिभागियों के जीनोमिक डेटा का उपयोग किया, जो वर्तमान धूम्रपान करने वालों, कभी धूम्रपान न करने वालों और पहले धूम्रपान करने वाले लोगों से संबंधित थे। उन्होंने पाया कि वर्तमान धूम्रपान की स्थिति सांख्यिकीय रूप से कम ल्यूकोसाइट टेलोमेर लंबाई के साथ महत्वपूर्ण रूप से जुड़ी हुई थी, जबकि पिछले धूम्रपान करने वालों और जिन लोगों ने कभी धूम्रपान नहीं किया था, उनमें ल्यूकोसाइट टेलोमेर लंबाई में कमी नहीं देखी गई थी।

जो लोग धूम्रपान करते थे, उनमें कम टेलोमेयर लंबाई की ओर रुझान था, लेकिन यह सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं था। जो लोग अधिक संख्या में सिगरेट पीते थे, उनमें ल्यूकोसाइट टेलोमेर की लंबाई काफी कम हो गई थी। दाई ने कहा, कि ‘धूम्रपान से ल्यूकोसाइट टेलोमेर की लंबाई कम हो सकती है, और जितनी अधिक सिगरेट पी जाएगी, लंबाई कम करने का प्रभाव उतना ही मजबूत होगा।‘

’हाल के वर्षों में अवलोकन संबंधी अध्ययनों ने ल्यूकोसाइट टेलोमेयर की छोटी लंबाई को कई बीमारियों, जैसे हृदय रोग, मधुमेह और मांसपेशियों की हानि से जोड़ा है। इसका मतलब यह है कि टेलोमेयर की लंबाई पर धूम्रपान का प्रभाव संभवत: इन बीमारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, हालांकि अंतर्नहित तंत्र को समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।’

दाई ने बताया, ‘‘हमारा अध्ययन इस बात के सबूत देता है कि धूम्रपान उम्र बढ़ने का कारण बनता है। मगर धूम्रपान बंद करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, इसलिए अगली पीढ़ी के लिए धूम्रपान मुक्त वातावरण बनाने में हमारी मदद करने के लिए दैनिक नैदानिक ??प्रबंधन में धूम्रपान बंद करने के समर्थन के साथ-साथ उपचार को भी शामिल करने का समय आ गया है।’

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