सिडनीः पीठ के निचले हिस्से का दर्द दुनिया में विकलांगता का प्रमुख कारण है, 60 करोड़ से अधिक लोग इस स्थिति के साथ जी रहे हैं। यह द लैंसेट रुमेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हमारे जून 2023 के अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों में से एक है। हमारा व्यवस्थित विषेण देश, वर्ष, आयु, लिंग और गंभीरता के आधार पर पीठ के निचले हिस्से में दर्द के वैश्विक बोझ का अनुमान लगाने के लिए 30 वर्षों में दुनिया भर में लगभग 500 अध्ययनों से डेटा का संषेण करता है। ‘‘बोझ’’ शब्द का इस्तेमाल इस संयोजन को संर्दिभत करता है कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द कितना व्यापक है और इससे स्वास्थ्य को कितना नुकसान होता है। हमने 5 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों में पीठ के निचले हिस्से में दर्द को मापा।
पिछले तीन दशकों से पीठ के निचले हिस्से का दर्द विकलांगता के कारणों में पहले स्थान पर है। हालाँकि, पीठ दर्द अपरिहार्य नहीं है, भले ही कभी-कभी ऐसा महसूस होता हो। प्रत्येक सप्ताह विज्ञान, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी में नए विकास को समझें। ये निष्कर्ष ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी नामक एक बड़ी परियोजना का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य विश्व स्तर पर सभी स्वास्थ्य हानि की मात्र निर्धारित करना है। हमारे अध्ययन में पाया गया कि यदि समाज तीन प्रमुख जोखिम कारकों – मोटापा, धूम्रपान और कार्यस्थल एर्गोनोमिक कारकों – को सीधे संबोधित कर सकता है, तो यह पीठ के निचले हिस्से में दर्द के बोझ को 39 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
धूम्रपान को पहले भी रीढ़ की हड्डी की संरचनाओं के क्षतिग्रस्त माइक्रो सकरुलेशन, उदाहरण के लिए डिस्क और जोड़ों के साथ-साथ हड्डियों के कमजोर होने से जोड़ा गया है। लेकिन शोधकर्ता यह भी जानते हैं कि धूम्रपान अक्सर जीवनशैली के अन्य कारकों से जुड़ा होता है, जिसमें शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा और खराब नींद शामिल हैं, ये सभी पीठ के निचले हिस्से में दर्द के बढ़ते जोखिम से जुड़े हुए हैं।
इसी तरह, मोटापा अन्य अस्वास्थ्यकर जीवनशैली कारकों से जुड़ा है, जो पीठ के निचले हिस्से में दर्द के खतरे को बढ़ा सकते हैं। मोटापा रीढ़ की हड्डी की संरचनाओं पर बढ़ते भार से भी जुड़ा हुआ है, जिससे उन्हें चोट लगने की संभावना होती है, और एक प्रणालीगत प्रदाह प्रतिक्रिया होती है।