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ज्यादा देर धूप में रहने से हो सकता स्किन कैंसर, ये सावधानी है जरूरी

नई दिल्ली : हॉलीवुड के बड़े अदाकार हैं जेसन चैंबर्स। इन दिनों स्किन कैंसर से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसकी तस्दीक अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए की। बताया कि मेलेनोमा से जूझ रहे हैं। अपने प्रशंसकों को एक हिदायत भी दी। आखिर मेलेनोमा होता क्या है?

कैसे सूरज जो जीवन को रोशन करता है, उससे मिलने वाला विटामिन डी जो हड्डियों के लिए वरदान होता है जान के लिए आफत का सबब बन सकता है? सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने पर स्किन कैंसर होने का खतरा रहता है। सूर्य की पराबैंगनी किरणों त्वचा को नुक्सान पहुंचाती हैं इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है। डब्ल्यूएचओ की इंटरनैशनल एजैंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक 2022 में मेलेनोमा से लगभग 60,000 लोगों की मौत हो गई।

दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में, मेलेनोमा से महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा पीड़ित बताए गए। वहीं, ‘मैकेनिकल बिहेवियर ऑफ बायोमैटीरियल्स’ पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार सूर्य की पराबैंगनी किरणों त्वचा की सबसे ऊपरी परत (स्ट्रेटम कॉर्नियम) में कोशिकाओं के बीच पहुंचकर उसे कमजोर करती है। लिहाजा, धूप में ज्यादा समय तक रहने से त्वचा सनबर्न का शिकार हो जाती है और स्किन कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। स्किन कैंसर के कई प्रकार होते हैं। हालांकि, इनमें से 3 बेसल सैल – कार्सिनोमा, स्क्वैमस सैल कार्सिनोमा, मेलेनोमा सबसे आम हैं।

मेलेनोमा त्वचा कैंसर का सबसे घातक-

रूप बेसल सैल कार्सिनोमा त्वचा कैंसर का सबसे आम प्रकार है। यह आमतौर पर त्वचा के उन हिस्सों को प्रभावित करता है, जिस पर बहुत अधिक धूप पड़ती है। जैसे चेहरा, हाथ है। स्क्वैमस सैल कार्सिनोमा त्वचा कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है।

यह अक्सर सूरज के संपर्क में आने वाली त्वचा पर भी विकसित होता है, जैसे कि चेहरा, कान, होंठ, हाथों के पीछे, हाथ और पैर पर। मेलेनोमा त्वचा कैंसर का सबसे घातक रूप है। यह त्वचा पर या किसी मौजूदा तिल में विकसित हो सकता है। ऐसे तिल जिनका आकार, रंग या आकृति बदल जाती है या जिनमें दर्द और खुजली जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

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