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लंबे समय तक जवां रखने में मददगार है ‘स्वर्ण भस्म’

सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल किए जा रहे सोने के अति सूक्ष्म कण जिन्हें ‘स्वर्ण भस्म’ कहते हैं न केवल आपकी त्वचा की बाहरी चमक को बरकरार रखने में मदद करते हैं बल्कि उम्र के प्रभावों को भी सीमित करने में मददगार होते हैं। विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह बात कही। एकीकृत चिकित्सा महासंघ (आयुष) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आर.पी.पराशर ने कहा कि स्वर्ण भस्म को त्वचा आसानी से सोख लेती है।

उन्होंने कहा कि स्वर्ण भस्म विभिन्न आयुव्रेदिक दवाओं का एक अभिन्न अंग है जो युवा बनाए रखने में सहायक होती है और संभावित रूप से मानव शरीर की विभिन्न प्रणालियों को पोषण प्रदान करती है। डॉ.पराशर ने कहा कि आयुव्रेद में हजारों वर्षो से सोने के जवां बनाने, प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने, सौंदर्यीकरण और उपचार गुणों को मान्यता दी गई है और इसे शक्ति, चेतनत्व और युवापन की कुंजी के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘यह कोलेजन (एक प्रकार का प्रोटीन) की कमी को धीमा करने और कोशिका को फिर से बनने में मदद के लिए जानी जाती है। स्वर्ण भस्म एक अत्यंत शक्तिशाली आयु-विरोधी एजेंट है क्योंकि यह चयापचय में सुधार करती है मांसपेशियों में लचीलापन लाती है, अंतíनहित ऊतकों, हड्डियों, तंत्रिकाओं आदि को मजबूत करती है।’

एमिल-आयुथवेदा के निदेशक डॉ. संचित शर्मा के मुताबिक इंसान की कोशिश चेहरे की सुंदरता कायम रखना होती है जिसमें स्वर्ण भस्म मदद करती है और इसलिए युवा पीढ़ी में इसकी मांग बढ़ रही है। हाल ही में भारतीय अनुसंधाकर्ताओं के साथ मिलकर एमिल द्वारा तैयार स्पार्कलिंग गोल्ड ‘फेस वॉश’ में 24 कैरेट सोने के नैनो कणों के साथ कश्मीरी केसर, गुलाब, कमल और गेंदे के फूल का अर्क मिश्रित किया गया और उसके प्रभाव का अध्ययन किया। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि गुलाब जैसे तत्व त्वचा में नमी बनाए रखने और झांई दूर करने में मदद करते हैं, कमल त्वचा कोशिकाओं के पुनरुद्धार को सुनिश्चित करता है, इस प्रकार एक त्वचा को एक संतुलित रूप में रखने में मदद करता है।

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