बदलते मौसम में एलर्जी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

बदलते मौसम में एलर्जी होना आम बात है। एलर्जी कई तरह की होती है, जैसे- मौसम के बदलाव से एलर्जी, दूध, दही से एलर्जी, जानवरों से एलर्जी, धूल-मिट्टी से एलर्जी। एलर्जी कई तरह की होती है। मौसम के बदलने से होने वाली एलर्जी से शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जाते है। फ्लू होने.

बदलते मौसम में एलर्जी होना आम बात है। एलर्जी कई तरह की होती है, जैसे- मौसम के बदलाव से एलर्जी, दूध, दही से एलर्जी, जानवरों से एलर्जी, धूल-मिट्टी से एलर्जी। एलर्जी कई तरह की होती है। मौसम के बदलने से होने वाली एलर्जी से शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जाते है। फ्लू होने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिनका शरीर नाजुक होता है उन्हें मौसम के बदलने से सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसे वायरल फ्लू जकड़ लेता है। जैसे ही मौसम बदलता है वैसे ही कई सारी बीमारियां दस्तक देना शुरू कर देती हैं। कुछ शरीर ऐसे होते हैं जो वायरल की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। जिनमें नाक, कान, गला, आंख जैसी सैसिंटिव जगह जल्दी से फ्लू की चपेट में आ जाती है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपना इम्यून सिस्टम मजबूत रखें, जिससे कोई भी वायरल फ्लू आपको अपने कब्जे में न ले सकें।

– बदलते मौसम में कपड़ों का चयन बेहद सोच-समझकर करना चहिए, बदलते मौसम में सूती कपड़ों को पहल देनी चाहिए।

– अपने खानपान पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए। हो सके तो भोजन में पौष्टिक आहार लें, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है साथ ही पानी को पीते रहना चाहिए।

– ध्यान रहे ठंडे पदार्थों का सेवन कभी वायरल फीवर का कारण बन सकता है, इसलिए ठंडी चीजें अवॉयड करें।

– सिर दर्द या बुखार होने पर कोई भी पेन किलर न लें, दवा लेने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

– बदलते मौसम में योग करना बेहद फायदेमंद होता है, अगर आप सुबह मॉर्निंग वॉक करने के लिए जाते हैं तो एक्सरसाज करना न भूंले।

– मौसम के बदलाव से खांसी और फेफड़ों में जकड़न होने लगती है। पीड़ित व्यक्ति अगर रोज भाप लेने के साथ ही गुनगुने पानी से गरारे करता है तो इससे काफी आराम मिलेगा। सर्दियों का मौसम जा रहा है और गर्मियों की एंट्री हो रही है, ऐसे में वायरल रोगों के बढ़ने का आंकड़ा भी रफ्तार के साथ बढ़ रहा है। जागरूकता के साथ देखभाल मौसम बदलने पर किया जाए तो शायद किसी एलर्जी का सामना कभी न करना पड़े। बदलते मौसम में खानपान का ध्यान जरूर देना चाहिए, जिससे आपका रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा हो सके। अगर आपको भी मौसम बदलने के साथ ही शरीर में बदलाव आते दिखाई दें, जैसे- जुकाम, खांसी, बुखार आदि तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। साथ ही साथ मौसमी फलों का सेवन करना बेहद लाभकारी होता है। फलों से एनर्जी तो मिलती ही है साथ ही में तरोताजगी भी मिलती है। अपने खानपान पर फोकस की कीजिए और रोगों से दूर रहिए।

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