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वियाग्रा की दवा खाने से अल्जाइमर रोग के खतरे को कर सकती है कम

अल्जाइमर रोग, मस्तिष्क से संबंधित तेजी से बढ़ती बीमारी है, जिसे डिमैंशिया का प्रमुख कारक माना जाता है। अमरीका में लगभग 5.5 मिलियन (55 लाख) लोग इस रोग से प्रभावित हैं और दुनियाभर में इसके 24 मिलियन से अधिक रोगी होने की आशंका है। मस्तिष्क की इस बीमारी के कारण समय के साथ याददाश्त कम होने, विचारों की समस्या, भ्रम की स्थिति हो सकती है।

अल्जाइमर का अगर समय पर इलाज न हो पाए तो इसके कारण डिमैंशिया होने का खतरा भी बढ़ सकता है। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में भी इस रोग के मामले पिछले कुछ वर्षों में बढ़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जीवनशैली के कई कारक अल्जाइमर का खतरा बढ़ाने वाले हो सकते हैं, सभी लोगों को इस रोग से बचाव करते रहना चाहिए। शोधकत्र्ताओं ने बताया कि सामान्यौतर पर इरैक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली दवा- वियाग्रा, अल्जाइमर रोग के खतरे को कम करने में मददगार हो सकती है।

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