जब भी फिटनैस की बात होती है, तब पैदल चलना सब से सरल और अधिक असरदार माना जाता है। जो भी सजग हैं और बढ़ती उम्र को थाम लेना चाहते हैं, अच्छी सेहत के आनंद से वंचित नहीं रहना चाहते वे इस के लिए सब से बढ़िया नुसखा आजमाते हैं और पैदल चलना शुरू कर देते हैं। पैदल चलना सब से सस्ता तरीका है जिस में आप को ज्यादा कुछ नहीं करना है, बल्कि अपने घर से सिर्फ निकलना है।
रोजाना आदत डालें
पैदल चलने को अपनी दिनचर्या में जितनी जल्दी हो शामिल कर लें। यह अन्य व्यायाम की तुलना में चलने में सब से ज्यादा आनंद आता है। चलते वक्त आप संगीत भी सुन सकते हैं और यदि आप अपने जीवनसाथी या फिर मित्र को भी अपने साथ चलने के लिए बुला लें तो और भी बेहतर है। किसी उपकरण की जरूरत नहीं फिटनैस ऐक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि प्रतिदिन हर व्यक्ति को सुबह व शााम पैदल चलना ही चाहिए। यह एक ऐसा व्यायाम है जिसे करने के लिए न ही किसी उपकरण की जरूरत होती है और न ही किसी पर निर्भर रहना पड़ता है। सबसे अच्छी बात यह कि किसी भी उम्र का व्यक्ति कभीभी कहीं भी कुछ मिनट के लिए पैदल चल सकता है।
अवसाद खत्म करता है
पारंपरिक तौर पर सुबह के समय पैदल चलना ही सर्वोत्तम माना गया है। लेकिन अगर आप किन्हीं वजहों से आप सुबह के समय पैदल नहीं चल पाते हैं तो फिर आप को अपनी दिनचर्या के हिसाब से जब भी वक्त मिले पैदल चलने की कोशिश जरूर कीजिए। अगर आप दिन में नहीं जा सकते तो शाम को व दोपहर को भी घर से पैदल निकला जा सकता है। चिकित्सक कहते हैं कि पीठ पर पड़ती धूप और पैदल चलना अवसाद को मिटा देता है।
आरामदायक तरीका
नयमति पैदल चलने के लिए आरामदायक कपडे पहनें। वैसे तो लोगों को जिस तरह के कपडे पहनने की आदत होती है वही उन के लिए सब से आरामदायक होता है। लेकिन कसी जींस या साड़ी जैसे कपडों को पहनने से बचना चाहिए। सलवारकुरता या ट्रैकसूट जैसे कपडेचलने के लिए आरामदयक होते हैं।
ऐसे करें शुरु आत
शुरु आत में आप थोड़ा कम भी चल सकते हैं। इस क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है। शुरू में आप 3 किलोमीटर चल रहे हैं तो 1-2 हफ्ते में उसे बढ़ा कर 5 किलोमीटर भी कर सकते हैं। लेकिन यह अपनी शरीर की ऊर्जा और क्षमता के अनुपात में ही कीजिए।
शरीर को स्वस्थ रखता है
अगर पैदल चलना अपने जीवन का एक अभियान बना लिया है, तो यह बुखार, जुकाम, खांसी, सिरदर्द, बदन दर्द, थकान, कमजोरी, बाल गिरना, अवसाद, हताशा, घबराहट, मधुमेह, थायराइड आदि बीमारियों को वैसे भी दूर से भगा देगा।
कहां टहलनें
यों तो पैदल चलने के लिए हराभरा क्षेत्र अच्छा होता है। अगर आप शहर में रहते हैं तो आप को आसपास ऐसे बगीचे अथवा पार्कभी मिल जाएंगे जहां जा कर आप सैर कर सकते हैं। बाग और हरी-हरी घास में नंगे पाव चलना भ्रमण का महत्तव बढ़ा देता है। अगर यह नहीं हो पा रहा है तो महानगरों में पैदल चलने का शौक रखने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य है कि जहां क्रौसिंग हो, उसी के जरीए सड़क पार करें। मगर जहां उस की व्यवस्था न हो, वहां पर दोनों तरफ ट्रैफिक लाइट और वाहन देखने के बाद ही कदम आगे बढ़ाएं। फुटओवर ब्रिज और सबवे का इस्तेमाल करना एक समझदारी और सुरक्षा भरा उपाय है।
कई फायदे
पैदल चलने के कई फायदे हैं। यह दिल के मरीजों से ले कर घुटने के दर्द से परेशान लोगों को राहत दे सकता है। कमरदर्द का तो यह मुμत इलाज है ही साथ ही चुस्त बना कर सुस्ती का नामोनिशान तक मिटा देता है ।
बेहतर बनाएं याद्दाश्त : पैदल चलना भूलने की समस्या दूर करने के लिए भी कारगर माना जाता है। पैदल चलने के बाद याद्दाश्त पहले के मुकाबले बेहतर हो जाती है। बगीचे अथवा पार्कमें हरी घास पर पैदल चलना आखों के लिए किसी औषिध से कम नहीं है।
शरीर रखता है फिट
अगर हर दिन 20 मिनट भी चलने लगें तो शरीर में शर्करा का स्तर संतुलित रह सकता है। एक आम स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोजाना 40 से ले कर 80 मिनट तक के पैदल चलने को आदर्श माना जाता है।
ताकि आराम से चल सकें
पैदल चलना है और काफी लंबा चलना है तो इस के लिए जूते पहनें ना कि चप्पलें। इस से किसी प्रकार की मोच या असंतुलन की स्थिति नहीं बनेगी। पहने गए जूते आरामदायक हों ताकि चलते समय तकलीफ न हो।
चलने का सही तरीका
चलते समय अपने हाथों को नीचे की ओर रखें और हाथ हिलाते हुए चलें। इस से शरीर में ऊर्जा का संचार होगा और स्फूर्ति बनी रहेगी। चलते समय किसी प्रकार का मानिसक तनाव न रखें।
संतुलित आहार जरूरी
पैदल चलने का काम शुरू करते समय और समाप्त करते समय हमेशा चलने की गति धीमी रखें। इस के साथ ही सुबह की सैर के पश्चात संतुलित आहार की ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
उर्जा बढाएं
बहुत सारे लोग तो घर की छत पर ही 40-50 मिनट पैदल चल कर अपनी रचनात्मक ऊर्जा बढ़ा लेते हैं। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि कल्पना, रचना, सृजन, सकारात्मक यह सब उन लोगों में भरपूर मिलता है जो हर दिन कम से कम 1 घंटा पैदल चलते हैं।
सब से खास और अलग व्यायाम
यह तो मानना ही पड़ेगा कि बाकी तरह के व्यायामों की तुलना में चलने में सब से ज्यादा आनंद आता है। अगर हम अपने आप को एक तरह के अनुशासन मे ढाल लें और पैदल चलने की मानिसकता को दिनचर्या का हिस्सा बना लें तो काफी सुंदर अनुभवों से खुद को सराबोर कर सकते हैं।
खूब लगती है भूख
चिकित्सक भी यह साबित कर चुके हैं कि रोज 40 मिनट पैदल चलने वालों को खूब खुल कर भूख लगती है साथ ही खाना आसानी से पच भी जाता है। बगैर किसी खर्च के शरीर को तराशना है तो पैदल चलना कुदरत का निशुल्क उपहार है।