कम उम्र में ही हड्डियों से आ रही कट-कट की आवाज तो इन चीजों को शुरू कर दें खाना

आजकल की लाइफस्टाइल में कुछ भी खा लेने की आदत शरीर में न्यूट्रिशन की कमी पैदा कर देती है। ये कमी कम उम्र के लोगों को ज्यादा हो रही है। इसका कारण है अनहैल्दी फूड। जिसमे कैल्शियम, विटामिन डी और जरूरी मिनरल्स की कमी होती है। ऐसे में हड्डियों से जुड़ी बीमारियां घेरने लगती है।.

आजकल की लाइफस्टाइल में कुछ भी खा लेने की आदत शरीर में न्यूट्रिशन की कमी पैदा कर देती है। ये कमी कम उम्र के लोगों को ज्यादा हो रही है। इसका कारण है अनहैल्दी फूड। जिसमे कैल्शियम, विटामिन डी और जरूरी मिनरल्स की कमी होती है। ऐसे में हड्डियों से जुड़ी बीमारियां घेरने लगती है। हड्डियों के जोड़ों में कट-कट की आवाज काफी सारे लोगों के शरीर में होती है। सामान्य तौर पर इसमे दर्द नहीं होता। लेकिन इसे हल्के में ना लें। कई बार कट-कट की आवाज की वजह हड्डियों की गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

ज्यादातर घुटनों में होती है आवाज : हड्डियों के जोड़ों से आने वाली ये आवाज ज्यादातर घुटनों से आती है। इस चरचराहट को मैडिकल की भाषा में क्रैपिटस कहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ घुटनों के सिरों पर μलैक्सिबल टिश्यू की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से सिरे आपस में रगड़ खाते हैं और आवाज आती है। ये एक तरह का गठिया रोग ही होता है। लेकिन कम उम्र में अगर कट-कट की आवाज आने के ये कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

एयर बबल्स बनना : ज्वाइंट्स से अगर कट-कट की आवाज आती है या फिर आपको गर्दन, उंगलियां फोड़ने की आदत है। तो इन ज्वाइंट्स से निकलने वाली कट-कट की आवाज की वजह एयर बबल्स हैं। जो दो हड्डियों के ज्वाइंट्स पर बन जाते हैं। इन्हीं के टूटने पर आवाज आती है। अगर ये आवाज किसी तरह की तकलीफ नहीं दे रही तो इससे घबराने की जरूरत नही है। बस खानपान में कुछ चीजों को जरूर शामिल कर लें।

गठिया की समस्या : जोड़ों से आने वाली चरचराहट की वजह गठिया भी हो सकती है। जिसे नजर अंदाज करने पर समय के साथ चलने-फिरने में भी दिक्कत आ जाती है।

मांसपेशियों में खिंचाव : कई बार मांसपेशियों में खिंचाव आने की वजह से भी ऐसा होता है। इसमे आवाज के साथ ही जोड़ों में सूजन और दर्द भी होता है। जिसका इलाज जरूरी है।

कैल्शियम है जरूरी : हड्डियों के जोड़ों से आने वाली आवाज को कम करने के लिए जरूरी है कि कैल्शियम से भरपूर चीजों को खाया जाए। जिससे कि एयर बबल्स बनने की समस्या कम हो।

-’दूध में हल्दी डालकर पीने से शरीर को कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में मिलता है।

-गुड़ और भुना चना कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। इसे खाने से जोड़ों को मजबूती मिलती है।

-रोजाना खाली पेट अखरोट जरूर खाएं। ये हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है। जो ज्वाइंट्स में चिकनापन लाने में मदद करता है। जिससे ज्वाइंट्स स्मूदली मूव करने लगते हैं।

-रोजाना 4-5 भीगे बादाम खाने से शरीर को पोटैशियम मिलता है। जो शरीर में कैल्शियम के होने वाले नुकसान को बचाता है।

वटामिन सी और आयरन है जरूरी : घुटनों पर बने कार्टिलेज घिसने की वजह से चरचराहट की आवाज आती है। ये कार्टिलेज कोलेजन से बनते हैं। जिनके लिए विटामिन सी जरूरी होता है। शरीर में कोलेजन की पूर्ति के लिए विटामिन सी युक्त ब्रोकली, पालक, संतरा, नींबू जैसी चीजों को खाना फायदेमंद है।

एक्सरसाइज है जरूरी : शरीर को μलैक्सिबल बनाने के लिए रोजाना स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना फायदेमंद है।

हाई इंटेस एक्सरसाइज से बचें : हड्डियों में चलतेफिरते या बैठते वक्त चटकने की आवाज आती है तो किसी भी तरह के हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज को करने से बचें। इससे हड्डियों के खिसकने और टूटने का डर हो सकता है।

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