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अपने दूध में इंसुलिन बना रही ये खास गाय, डायबिटीज मरीजों की लग सकती है मौज!

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने डायबिटीज के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता हासिल की है। इलिनोइस यूनिवर्सिटी (अर्बनशैंपेन) के पशु वैज्ञानिक मैट व्हीलर के नेतृत्व में शोधकर्त्ताओं ने एक ऐसी जेनेटिकली मोडिफाइड गाय तैयार की है, जिसके दूध में मानव इंसुलिन पाया गया है। यह शोध जो बायोटैक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है, वैश्विक स्तर.

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नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने डायबिटीज के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता हासिल की है। इलिनोइस यूनिवर्सिटी (अर्बनशैंपेन) के पशु वैज्ञानिक मैट व्हीलर के नेतृत्व में शोधकर्त्ताओं ने एक ऐसी जेनेटिकली मोडिफाइड गाय तैयार की है, जिसके दूध में मानव इंसुलिन पाया गया है। यह शोध जो बायोटैक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है, वैश्विक स्तर पर इंसुलिन की आपूर्ति की चुनौती के लिए एक संभावित समाधान प्रदान करता है।

अभी तक डायबिटीज रोगियों के लिए इंसुलिन मुख्य रूप से आनुवंशिक रूप से संशोधित बैक्टीरिया या खमीर का उपयोग करके बनाया जाता है। यह नया तरीका, अगर सफल साबित होता है, तो इंसुलिन उत्पादन में क्रांति ला सकता है। दूध के विश्लेषण में पाया कि उसमें मानव प्रोइंसुलिन और इंसुलिन के समान आणविक भार वाले प्रोटीन मौजूद हैं।

इसके अतिरिक्त शोध से यह भी संकेत मिलता है कि गाय का दूध प्रोइंसुलिन को इंसुलिन में भी परिवर्तित कर सकता है, हालांकि अभी उत्पादन का स्तर कम है, लेकिन शोधकर्त्ताओं का मानना है कि इस तकनीक में बड़े पैमाने पर उत्पादन की काफी संभावना है। इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन है जो हमारे शरीर में अग्नाशय (पैंक्रियाज) नाम के अंग द्वारा बनाया जाता है। यह शरीर में रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है।

इंसुलिन नहीं बनने से क्या होता है
अगर शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं होती हैं, तो यह स्थिति डायबिटीज कहलाती है। डायबिटीज की स्थिति में ब्लड शुगर लैवल लगातार ऊंचा रह सकता है, जिससे शरीर को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

कैसे हुआ शोध
शोधकर्त्ताओं ने गाय के भ्रूणों में प्रोइंसुलिन (इंसुलिन का अग्रदूत) के निर्माण के लिए जरूरी विशिष्ट मानव डीएनए कोड डाला। इसके बाद इन भ्रूणों को सामान्य गायों में प्रत्यारोपित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप एक स्वस्थ बछड़े का जन्म हुआ, हालांकि इस गाय को प्राकृतिक रूप से गर्भवती कराने का प्रयास असफल रहा, लेकिन वैज्ञानिक दूध उत्पादन को प्रेरित करने में सफल रहे।

ट्रांसजेनिक गायों के दूध में मिला प्रोटीन
अध्ययन के लेखकों के अनुसार, ट्रांसजेनिक गायों के दूध में पुन: संयोजक प्रोटीन का उत्पादन एक रोमांचक प्रणाली है। दूध में मौजूद प्रोटीएज (प्रोटीन को तोड़ने वाले एंजाइम) इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ये प्रोटीएज प्रोसेसिंग में मदद कर सकते हैं और पुन: संयोजित प्रोटीन को कार्यात्मक प्रोटीन में बदल सकते हैं। कुछ दूध प्रोटीएज पुन: संयोजित प्रोटीन को नष्ट भी कर सकते हैं। ये शोध दुनिया भर में डायबिटीज रोगियों के लिए इंसुलिन की आपूर्ति को स्थिर और संभावित रूप से अधिक किफायती बनाने के लिए एक नया रास्ता खोलता है।

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