नई दिल्ली: कोविड-19 बीमारी के लिए जिम् मेदार वायरस एसएआरएस-सीओवी-2, एक साइलैंट रिसरवोयर के रूप में कार्य कर सकता है और संक्रमण के बाद एक महीने तक मध्य कान में मौजूद रह सकता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई। अमेरिकन जर्नल ऑफ ओटोलरींगोलॉजी में प्रकाशित शोध निष् कर्ष में कोविड-19 के वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों में ओटिटिस मीडिया विद इयूजन (ओएमई) विकसित करने वाले मरीजों और कोविड वायरस के बीच एक संभावित संबंध पाया गया। ओएमई मध्य कान में फ्लूइड का एक कलैक्शन है जो गाढ़ा या चिपचिपा हो सकता है।
सर्दी, गले में खराश के कारण कान के पर्दे में फ्लूइड जमा हो जाता है और इससे अस्थायी तौर पर सुनने में दिक्कत भी हो सकती है। यह 3 से 7 साल उम्र के बच्चों में सबसे आम है। चीन के वूशी हुइशान डिस्ट्रिक्ट पीपुल्स हॉस्पिटल के चेंगझोउ हान ने कहा, ‘हमारा शोध मध्य कान पर कोरोना वायरस के संभावित प्रभावों पर रोशनी डालता है जो एसएआरएस-सीओवी-2 और ओएमई शुरुआत के बीच संबंध को उजागर करता है।’ उन्होंने आगे कहा कि ओएमई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला वायरस ओमिक्रॉन संक्रमण के करीब एक महीने बाद मध्य कान में पाया जा सकता है।
जो ओएमई उपचार रणनीतियों में संभावित बदलाव और दोबारा जोखिम का संकेत देता है। जनवरी से जून 2023 तक किए गए अध्ययन में 32 से 84 साल के 23 मरीजों को शामिल किया गया जिनमें ओमिक्रॉन के बाद ओएमई संक्रमण पाया गया था। इनमें से 21 में एकतरफा लक्षण दिखाई दिए। सैंपल लेने तक की औसत अवधि 21 दिन थी। 80.0 प्रतिशत कानों में μलूइड जमाव देखा गया। 12 प्रतिशत नमूनों में एसएआररएस-सोएवी-2 पाया गया, जिसका चक्र सीमा मान 25.65 और 33.30 के बीच था।