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बुखार में पसीना आने का क्या है महत्त्व… जानिए क्या कहता है विज्ञान

 

मुंबई: शरीर में पसीना आने का अपना महत्व है और यह शरीर की अहम प्रक्रियाओं में से एक है। यह शरीर को ठंडा रखने के तंत्र का हिस्सा है। ऐसे में कई लोग शरीर में अधिक कपड़े पहन कर या कंबल ओढ़ कर या स्टीम बाथ लेकर यह शरीर में पसीना लाते हैं। कहा भी जाता है पसीना बहाने वाली कसरत वजन कम करने में मददगार होती है। आइए जानते हैं कि इस बारे में क्या कहता है विज्ञान:

बुखार मे पसीना:

वहीं बाहर की तुलना में शरीर का तापमान कम बनाए रखने के लिए शरीर को ठंडा करने के जरूरत हो और तब पसीने की ग्रंथियां सक्रिय होकर पसीना निकालने लगती हैं। ऐसे में शरीर की गर्मी कम होती और लगता है कि बुखार कम हो रहा है। लेकिन अधिक पसीना बुखार उसके कारण का इलाज नहीं होता है। बल्कि पसीने के दौर के बाद बुखार लौट सकता है, मलेरिया सहित कई संक्रमण ऐसा होता है कि बुखार और संक्रमण के लक्षण बार बार लौटते हैं।

तो क्या बुखार में पसीना आना अच्छी बात है:

बुखार में पसीना आना सामान्य बात है, यहां गौर करने वाली बात यह है खुद बुखार बीमारी नहीं होता है। बल्कि यह तो संक्रमण, सूजन, या रोग की प्रतिक्रिया है। यह संकेत है कि शरीर रोग से लड़ रहा है, लेकिन जरूरी नहीं कि इसके लिए उपचार की जरूरत हो और यह भी जरूरी नहीं कि पसीना आने का मतलब तबियत में सुधार हो रहा है।

पसीना आने का मतलब यह नहीं:

ऐसे किसी तरह के प्रमाण या अनुभव देखने में नहीं आते हैं कि पसीना आने से हमें बेहतरी का अहसास हो. वहीं यह भी जरूरी नहीं कि पसीना आने का मतलब इलाज की जरूरत हो. हां हो सकता है कि जिस बुखार में यह पसीना आ रहा हो. शरीर को उसके इलाज की जरूरत हो सकती है. बुखार संक्रमण का संकेत हो सकता है जिसमें इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसे संक्रमण शामिल हैं.

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