नेशनल डेस्क : हमारे देश में शराब पीने वालों की कोई कमी नहीं है। वहीं अगर बात करें देश की राजधानी दिल्ली की तो यहां भी शराब के शौकिनों की कोई कमी नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि हर रोज़ लगभग 13 लाख शराब की बोतलें बिकती हैं। दिल्ली की आबादी करीब डेढ़ करोड़ के आसपास है, और हर साल 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स शराब की बिक्री से सरकार को प्राप्त होता है। इस आंकड़े से साफ पता चलता है कि दिल्ली में शराब का कारोबार कितने बड़े पैमाने पर चल रहा है।
5 दिन ड्राई डे घोषित…
हाल ही में, दिल्ली सरकार ने 2025-26 वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए 5 दिन ड्राई डे घोषित किए हैं। इन दिनों में दिल्ली में शराब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। ये ड्राई डे विशेष धार्मिक अवसरों के दौरान होंगे, जिनमें 6 अप्रैल रामनवमी, 10 अप्रैल महावीर जयंती, 18 अप्रैल गुड फ्राइडे, 12 मई बुद्ध पूर्णिमा और 7 जून बक़रीद शामिल हैं। सरकार का यह कदम धार्मिक स्थलों और समाज के एक बड़े हिस्से के लिए सम्मानजनक कदम माना जा सकता है।
दिल्ली में शराब का कारोबार
दिल्ली में शराब के शौकीन लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और यह यहां की शराब बिक्री में साफ दिखाई देता है। केवल 31 दिसंबर को दिल्ली और एनसीआर में लगभग 400 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई थी, जो इस बात का प्रमाण है कि दिल्ली के लोग शराब के प्रति कितने उत्साही हैं। हालांकि, इस कारोबार के साथ एक गंभीर समस्या भी जुड़ी हुई है, और वह है नकली शराब का कारोबार।
नकली शराब का कारोबार
दिल्ली में नकली शराब की बिक्री भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। हाल ही में, दिल्ली पुलिस ने गोकुलपुरी इलाके में एक नकली शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। इस फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में नकली शराब, शराब बनाने के उपकरण, और अन्य सामग्री बरामद की गई। पुलिस ने इस फैक्ट्री से 242 कार्टन देशी शराब (12,045 क्वार्टर बोतल), 1,885 लीटर स्प्रिट/केमिकल, और कई टन कच्चा माल जब्त किया।
ड्राई डे का उद्देश्य
दिल्ली सरकार द्वारा घोषित किए गए ड्राई डे का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से शराब की बिक्री को कुछ दिनों के लिए रोकना है। यह कदम एक तरह से समाज के विभिन्न वर्गों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, यह कदम शराब व्यापारियों के लिए एक चुनौती हो सकता है, लेकिन धार्मिक महत्त्व के इन दिनों में शराब की बिक्री पर रोक लगाना सरकार का एक सही कदम है।
दिल्ली में शराब का कारोबार और नकली शराब की समस्या दोनों ही बड़ी चिंताएं हैं। जहां एक ओर शराब की बिक्री से भारी टैक्स आता है, वहीं दूसरी ओर अवैध शराब का कारोबार दिल्ली के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है। सरकार का ड्राई डे का फैसला धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसके साथ-साथ अवैध शराब के कारोबार पर सख्त नियंत्रण की जरूरत भी बनी हुई है।