महाकुम्भ नगर: महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार को 13 अखाड़ों के साधु संतों ने बारी-बारी अमृत स्नान किया। मेला प्रशासन के मुताबिक, मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा, प्रथम स्नान पर्व के सकुशल संपन्न होने पर सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, मेला प्रशासन, स्थानीय पुलिस व प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों और धाíमक संस्थाओं, नाविकों आदि को हृदय से साधुवाद और बधाई।
महाकुंभ मेले के मुख्य आकर्षण अखाड़ों के अमृत स्नान में सबसे पहले संन्यासी अखाड़ों में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु-संतों ने ‘हर-हर महादेव’ के घोष के साथ संगम पर अमृत स्नान किया। अमृत स्नान के उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतनगिरी जी महाराज ने कहा, हर 12 साल में पूर्ण कुंभ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुंभ होने पर 144 साल बाद यह महाकुंभ आता है। बहुत भाग्यशाली लोगों को महाकुंभ में स्नान का अवसर मिलता है। महानिर्वाणी अखाड़े से 68 महामंडलेश्वर और हजारों साधु-संतों ने अमृत स्नान किया।