पंजाब : पंजाब की राजनीति से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल और उनके मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाई है। इस सजा के तहत पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम सम्मान वापस ले लिया गया है। इसके साथ ही सुखबीर बादल को भी तन्खैइया घोषित कर धार्मिक सजा दी गई है। यह मामला गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम के बारे में।
सुखबीर बादल ने कबूला अपराध
दरअसल, इस घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले सामने आए थे। उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल थे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने एक बयान में कहा, “सुखबीर सिंह बादल ने अपराध कबूल किया है कि उन्होंने जत्थेदारों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी देने के लिए दबाव डाला था। इस मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे।” इस कारण, श्री अकाल तख्त साहिब ने निर्णय लिया है कि प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम सम्मान वापस लिया जाएगा।
सुखबीर बादल को दी गई धार्मिक सजा
श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुखबीर बादल को तन्खैइया घोषित करने के बाद उन्हें धार्मिक सजा दी गई है। इस सजा के तहत सुखबीर सिंह बादल और उनके मंत्रियों को 3 दिसंबर को कुछ विशेष कार्य करने होंगे। यह कार्य जो इस प्रकार से हैं:
- वॉशरूम की सफाई
3 दिसंबर को, सुबह 12 बजे से 1 बजे तक, उन्हें बाथरूम साफ करने होंगे। - लंगर घर में सेवा
वॉशरूम की सफाई के बाद, उन्हें नहाकर लंगर घर में सेवा करनी होगी। - श्री सुखमणि साहिब का पाठ
इसके बाद, उन्हें श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। - बरछा लेकर बैठना
सुखबीर सिंह बादल को श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठने की सजा दी गई है। - तन्खैइया की तख्ती पहनना
उन्हें गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी।
अन्य धार्मिक सजा के आदेश
इसके अलावा, कुछ और धार्मिक सजा भी दी गई है:
- वॉशरूम और बर्तन की सफाई
सुखबीर सिंह बादल और उनके साथियों को वॉशरूम और बर्तन साफ करने की सेवा दी गई है। - रोजाना एक घंटा कीर्तन
उन्हें रोजाना एक घंटा कीर्तन सुनने की अनिवार्यता है। - जनसभा में बोलने पर पाबंदी
उन्हें अब जनसभा या सार्वजनिक समारोहों में बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रकाश सिंह बादल का इस्तीफा और माफी पर इश्तहार
आप को बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने यह भी आदेश दिया है कि सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा मंजूर किया जाए। इसके साथ ही, डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने के बाद जो इश्तहार जारी किए गए थे, उनके पैसे सुखबीर सिंह बादल, बलविंदर सिंह भून्दड, दलजीत सिंह चीमा और हीरा सिंह गाबाडिया ब्याज सहित चुकता करेंगे।
यह घटना पंजाब की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है, जिसमें धार्मिक सजा और राजनीतिक विवाद का मिश्रण देखा जा रहा है। श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा उठाए गए कदम इस विवाद की गंभीरता को दर्शाते हैं और यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति में और क्या बदलाव होते हैं।