नई दिल्ली : Union Finance Minister Nirmala Sitharaman की अध्यक्षता में शनिवार को जैसलमेर में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक शुरू होने जा रही है, जिसमें स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर प्रस्तावित दर कटौती और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में शामिल करने पर चर्चा होगी। जीएसटी परिषद बैठक के दौरान करीब 150 वस्तुओं की दरों में संशोधन पर भी विचार-विमर्श करेगी, जिससे केंद्र को करीब 22,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। जीएसटी परिषद के लिए एक महत्वपूर्ण एजेंडा टर्म स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर प्रस्तावित दर कटौती है। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी छूट/कटौती उद्योग की लंबे समय से लंबित मांग है, क्योंकि इससे बीमाकर्ताओं और पॉलिसीधारकों दोनों पर कर का बोझ कम होगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई में मंत्रियों के समूह (जीओएम) के ज्यादातर पैनल सदस्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी प्रीमियम पर ‘पूरी छूट‘ की वकालत की, जबकि कुछ पैनल सदस्यों ने मौजूदा 18 प्रतिशत से दर को घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया। इसके अलावा, 5 लाख रुपये तक का कवरेज देने वाली बीमा पॉलिसियों को भी जीएसटी से राहत मिल सकती है।
विमानन टरबाइन ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर विचार किए जाने की संभावना
एक अन्य प्रमुख एजेंडा यह तय करना है कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म द्वारा डिलीवरी शुल्क पर 5 प्रतिशत जीएसटी 2022 से लागू किया जाएगा या नहीं। वर्तमान में, फूड डिलीवरी कंपनियां डिलीवरी शुल्क पर जीएसटी का भुगतान नहीं करती हैं। इसके अलावा, जीएसटी परिषद द्वारा विमानन टरबाइन ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर विचार किए जाने की संभावना है। वर्तमान में, एटीएफ पर 11 प्रतिशत का केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाया जाता है। क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत इसमें 2 प्रतिशत की रियायत भी है। इसके अलावा, जीओएम की ओर से हाल ही में तंबाकू और सॉफ्ट ¨ड्रक पर सिन टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। जानकारों के अनुसार, ऐसी श्रेणी के निर्माण से यह कड़ा संदेश जाएगा कि भारत अस्वस्थ आदतों पर आधारित उद्योगों के मुनाफे पर अपने लोगों की भलाई को प्राथमिकता देता है। इसके अतिरिक्त, सिन गुड्स को टारगेट करते हुए 35 प्रतिशत का नया स्लैब पेश किए जाने की संभावना है।