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भारत की समुद्री तट रेखा पर 60 करोड़ की लागत से 75 लाइट हाउस विकसित, पर्यटन को दे रहे बढ़ावा

नई दिल्ली: भारत की 7,500 किलोमीटर से अधिक लंबी समुद्री तट रेखा पर 204 लाइट हाउस स्थित हैं। भारत की समुद्री तट रेखा पर मौजूद लाइट हाउसों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जा रहा है। पारंपरिक रूप से यह लाइट हाउस नाविकों की यात्रा में सहायक होते हैं। पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने का उद्देश्य इन लाइट हाउसों के इतिहास और वास्तु शिल्प को संरक्षित रखना भी है।

इसके साथ ही इन लाइट हाउस का उपयोग आर्थिक विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए भी हो सकेगा। शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई एक जानकारी में केंद्र सरकार ने बताया कि इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाइट हाउस और उनके आसपास के क्षेत्रों को आकर्षण पर्यटक स्थलों में बदलना जा रहा है। ये संरचनाएं, अक्सर सुंदर तटीय इलाके या द्वीप पर स्थित होती हैं और सैलानियों को प्राकृतिक सुंदरता, समुद्री इतिहास और मनोरंजन का अनूठा अवसर प्रदान करती हैं।

केंद्र सरकार ‘अमृत काल विजन 2047’ और ‘समुद्री भारत विजन 2030’ के अंतर्गत लाइट हाउस पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। इन स्थलों को विकसित करके सरकार भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास में लगी है। कई प्रकाश स्तंभ (लाइट हाउस) भारत के समुद्र तट या दूरदराज के द्वीपों पर मनोरम स्थलों पर स्थित हैं, जहां से समुद्र का मनोहर दृश्य दिखाई देता है।

इनमें से कुछ प्रकाश स्तंभ सदियों पुराने हैं और तमिलनाडु में महाबलीपुरम जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल या अन्य प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों के पास स्थित हैं। इन स्थलों पर ट्रैकिंग, नौकायन और जल क्रीड़ा जैसी गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं, जो साहसिक पर्यटन प्रेमियों को आकर्षित करती हैं। सरकार का मानना है कि प्रकाश स्तंभ स्थल के पास पर्यटन क्षेत्र के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी के साथ ही वहां आतिथ्य-सत्कार, परिवहन और हस्तशिल्प में रोजगार सृजित हो सकते हैं।

इस संभावना के दृष्टिगत सरकार ने लाइट हाउस पर्यटन को विकास की प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पर्यटक सुविधा युक्त 75 लाइट हाउस देश को समर्पित किए थे। केंद्र सरकार के मुताबिक 60 करोड़ रुपए के निवेश से इन 75 प्रसिद्ध लाइट हाउस को विकसित किया गया है।

प्रत्येक लाइट हाउस को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाकर उन्हें संग्रहालय, एम्फीथिएटर, बच्चों के पार्क इत्यादि के साथ उन्नत बनाया गया है। कुछ लाइट हाउस विरासत और मनोरंजन दोनों के प्रतीक बन गए हैं। केंद्र का कहना है कि लाइट हाउस को विकसित करने से रोजगार सृजन बढ़ा है। वहां आस-पास के होटलों, रेस्तरां, टूर ऑपरेटरों, परिवहन सेवाओं तथा स्थानीय दुकानों और कारीगरों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।

 

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