नई दिल्ली: प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय आयोजित कुंभ मेले के दौरान 800 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी। उस समय मौनी अमावस्या का दिन था। सोमवार को राज्यसभा में यह बात केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कही। उन्होंने कहा कि केंद्र में यूपीए सरकार के समय 57 फीसदी अधिक किसानों ने आत्महत्या की थी। नेता विपक्ष मल्लिकाजरुन खरगे वरिष्ठ राजनेता हैं, लेकिन हम उनसे यह उम्मीद नहीं करते कि वह अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का नाम खराब करें। नेता प्रतिपक्ष ने पूरी तरह से गलत आंकड़ों को बताया है।
मल्लिकाजरुन खरगे ने कहा था कि यह अमृत काल है या विष काल है। बीते 10 साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। इसके जवाब में पीयूष गोयल ने नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा कि हमारी सरकार के मुकाबले आपकी सरकार में 57 फीसदी अधिक किसानों ने आत्महत्या की थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय 1986 में आयोजित कुंभ मेले में 200 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी, तब कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ वीआईपी मूवमैंट में कुंभ गए थे।
वीआईपी मूवमैंट की वजह से तब कुंभ मेले में 200 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी। उन्होंने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि सांस्कृतिक आजादी हमें राम मंदिर के दिन मिली। इससे पहले राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकाजरुन खरगे ने महाकुंभ में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि महाकुंभ में हजारों की संख्या में लोगों ने अपनी जान दी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष के सांसद खरगे के ‘हजारों की संख्या’ बोले जाने से नाराज थे।