नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पंजीकरण के समय और परीक्षाओं के कई चरणों के दौरान उम्मीदवारों की पहचान को सत्यापित करने के लिए आधार- आधारित पहचान पत्र का उपयोग करने की अनुमति दी है। कार्मिक मंत्रलय ने कहा कि यूपीएससी को ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान के वैरीफाई के लिए स्वैच्छिक आधार पर ऑथेंटिकेशन करने की अनुमति है, जिसके लिए हां/नहीं या/और ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन सुविधा का उपयोग किया जाएगा। कार्मिक, लोक शिकायत और पैंशन मंत्रलय ने कहा, ‘संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अधिनियम के सभी प्रावधानों, उसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों और ‘भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण’ से जारी निर्देशों का पालन करेगा।’ यह महत्वपूर्ण कदम जुलाई में यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवार पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को रद्द करने और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के बाद उठाया गया है।