मेंढर: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद परिस्थितियां काफी हद तक बदल चुकी हैं। एक वक्त तक जहां गोलीबारी की आवाजें सुनाई पड़ती थीं, लोग डरे सहमें घरों में बंद रहते थे, वहां अब लोग बिना भय के खुली हवा में सांस ले रहे हैं।आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद मेंढर में 40 साल पहले बंद हो चुकी रामलीला एक बार फिर जीवित हो उठी है। युवा जो कभी पत्थरबाजी के लिए जाने जाते थे, आज वे धार्मिक चीजों को बढ़ावा देने के लिए आगे आ रहे हैं। इसका परिणाम है कि मेंढर में 40 साल बाद हिंदू-मुस्लिम सहित धर्मों के लोग एक साथ बैठकर रामलीला का मंचन देखेंगे। मेंढर में रामलीला की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है।
रामलीला कला मंच के अध्यक्ष बलराम शर्मा ने बताया कि हम लोग रामलीला की तैयारी कर रहे हैं। करीब 40 से 45 साल पहले यहां रामलीला का मंचन होता था। मैं अपने परिवार के साथ रामलीला देखने के लिए आता था। लेकिन आतंकवाद की वजह से रामलीला को बंद करना पड़ा था। लेकिन, एक बार फिर रामलीला का मंचन शुरू हो रहा है। हम लोग 25 दिनों से तैयारी कर रहे हैं। रात को मंचन की तैयारी और रिर्हसल भी की जा रही है। रामलीला दोबारा शुरू कराने के पीछे युवाओं का सपोर्ट रहा है।
संजीव बाली ने कहा कि हमारे पूर्वज इस रामलीला का मंचन करवाते थे। अब हमारे युवाओं ने पूर्वजों के द्वारा शुरू कराई गई रामलीला को दोबारा शुरू कराने का संकल्प लिया है। हर साल यहां रामलीला का मंचन होगा। हबीबुल्ला खान ने बताया कि आतंकवाद की वजह से रामलीला का मंचन बंद किया गया था। क्योंकि, सुरक्षा की लिहाज से यहां पर खतरा था। लेकिन, अब कोई चिंता नहीं है। आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से यहां पर किसी बात का डर नहीं है। हम लोग रामलीला मंचन को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि रामलीला मंचन प्यार और सदभाव का संदेश देगा।