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कृषि मंत्री Arjun Munda ने कृषि भवन में ‘Kisan Call Center’ आउटबाउंड कॉल सुविधा का शुभारंभ किया

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कृषि भवन में किसान कॉल सेंटर आउटबाउंड कॉल सुविधा का शुभारंभ किया। कृषि भवन स्थित डीडी किसान के स्टूडियो में यह सुविधा स्थापित की गई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के विभिन्न प्रभागों के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य अधिकारी अब मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित योजनाओं पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए किसानों को इस केंद्र से आउटबाउंड कॉल कर सकते हैं।

साथ ही समय-समय पर विभागीय मंत्री भी देशभर के किसानों में से किसी से भी योजनाओं के बारे में सीधा संवाद करके उनकी प्रतिक्रिया व सुझाव प्राप्त कर सकेंगे। इसके द्वारा किसानों से फीडबैक मिलने से उनके हित में समुचित कार्य तेजी से किया जा सकेगा। योजनाओं की प्रश्नावली और लाभार्थी किसानों की सूची इस केंद्र में उपलब्ध है। यहां श्री मुंडा ने तमिलनाडु व झारखंड के किसानों को कॉल कर संवाद किया और कृषि अवसंरचना कोष, प्रति बूंद-अधिक फसल सहित केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को मिल रहे लाभों के संबंध में जानकारी प्राप्त की, साथ ही इन योजनाओं को लेकर अन्य किसानों को जागरूक करने का आग्रह भी किया।

श्री मुंडा ने, किसानों के लिए बेहतर कार्यान्वयन और उन्हें योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए आवश्यक सुधार लाने के संबंध में अधिकारियों से नियमित आधार पर चयनित किसानों को कॉल करने और फीडबैक तंत्र का उपयोग करने का आग्रह किया। इस अवसर पर सचिव (कृषि एवं किसान कल्याण) श्री मनोज अहूजा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कृषि भवन में कृषि क्षेत्र व किसानों के हित में शीघ्र प्रारंभ की जा रही अन्य सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की और उन्होंने इंटीग्रेटेट कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का अवलोकन भी किया।

केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कृषि भवन में कृषि क्षेत्र व किसानों के हित में शीघ्र प्रारंभ की जा रही अन्य सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की और उन्होंने इंटीग्रेटेट कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का अवलोकन भी किया। इस केंद्र के माध्यम से मंत्रालय के विभिन्न डिजीटल सिस्टम को इंटीग्रेट करके नीति निर्धारण तथा निर्णयों में सहायता मिलेगी। यहां देशभर के खेतों का अध्ययन हो सकेगा, ताकि सरकार और क्या सुधार कर सकती है, यह निर्णय लेने में सुविधा होगी, साथ ही मौसम, फसल, मृदा स्वास्थ्य, नाशीजीव, बाजार संबंधी जानकारी की उपलब्धता से खेती-किसानी को फायदा पहुंचाया जा सकेगा।

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