नेशनल डेस्क: अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रविवार को अक्षत पूजन का कार्यक्रम रखा गया है। इसमें 100 क्विंटल अक्षत पूजे जाएंगे और फिर भगवान राम के इस प्रसाद को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) कार्यकर्ता देश के कोने-कोने में जाएंगे। बता दें कि 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय की गई है। उससे पहले देशभर में 62 करोड़ भक्तों तक भगवान राम का प्रसाद अक्षत के रुप में पहुंचाया जाना है।
आज अयोध्या से विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता राम मंदिर में पूजे गए अक्षत को लेकर रवाना होंगे। देश भर के 45 प्रांतों (क्षेत्रों) से विहिप के लगभग 100 स्वयंसेवक और पदाधिकारी पवित्र चावल इकट्ठा करने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं। कार्यकर्त्ता देश भर के पांच लाख मंदिरों में वितरण के लिए रविवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ‘अक्षत’ एकत्र करेंगे और इस प्रसाद को लोगों तक पहुंचाएंगे। राम जन्मभूमि पर रामलला को चढ़ाया गया चावल VHP के स्वयंसेवकों को सौंपा जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति धातु के घड़े में 5.25 किलोग्राम पवित्र चावल लेकर जाएगा।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश को 45 प्रांतों में विभाजित किया है और प्रत्येक प्रांत से कम से कम दो स्वयंसेवक रविवार को अयोध्या पहुंचेंगे। वैदिक अनुष्ठान के बाद 1 जनवरी से इसका वितरण किया जाएगा। इस बीच, श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट ने शनिवार को यात्री सुविधा केंद्र की आधारशिला रखी, जो जन्मभूमि पथ के साथ 3,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा। चंपत राय और निर्मोही अखाड़े के महंत धीरेंद्र दास ने शिलान्यास किया।
ऐसे तैयार होगा प्रसाद
अक्षत के साथ ही एक क्विंटल पिसी हुई हल्दी और देसी घी भी मंगवाया गया है। इसे विधि-विधान से चावल में मिलाया जाएगा। चावल को रंगने के बाद इसे पीतल के कलश में रखा जाएगा। फिर पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा जाएगा। और बाद में प्रसाद के रूप में 62 करोड़ भक्तों में बांटा जाएगा।
बता दें कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला संगमरमर के स्वर्ण जड़ित आठ फीट ऊंचे ‘सिंहासन’ पर विराजमान होंगे। राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा यह सिंहासन आगामी 15 दिसंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि आठ फीट ऊंचे, तीन फीट लंबे और चार फीट चौड़े सिंहासन को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा। इस पर पांच साल पुरानी रामलला की मूर्ति रखी जाएगी।