नई दिल्ली : संसद सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा है कि जनता ने अपना जनादेश दे दिया है, देश को सकारात्मक विचारों की जरूरत है और सभी राजनीतिक दलों के सांसदों को दलीय हितों से ऊपर उठकर देश के लिए काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने पिछले सत्र में विपक्ष द्वारा किए गए हंगामे की निंदा करते हुए हुए कहा कि 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिन्हें सरकार बनाने और सेवा करने का हुक्म दिया, उनकी आवाज को सदन में दबाने का, कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास किया गया। घंटों तक देश के प्रधानमंत्री का गला दबाने का, उन्हें रोकने का, उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया और इसका उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है। लोकतांत्रिक परंपरा में इसका कोई स्थान नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले कहा कि, ‘आज सावन का पहला सोमवार है। इस पवित्र दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र का प्रारंभ हो रहा है। सावन के पहले सोमवार पर मैं देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज संसद का मानसून सत्र भी आरंभ हो रहा है। देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो।‘
उन्होंने मंगलवार को सदन में पेश किए जाने वाले बजट की जानकारी देते हुए यह भी बताया, ‘कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, ये बजट? हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा।ये बजट 2047 के विकसित भारत के सपने मजबूत देने वाला होगा।‘ उन्होंने केंद्र में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार के गठन को भारत के लोकतंत्र की गौरव यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव बताते हुए कहा कि हर देशवासी के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। पिछले 3 वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। कल पेश किया जाने वाला बजट 2047 ,जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे तब विकसित भारत का जो हमारा सपना है उस सपने को पूरा करने की मजबूत नींव रखने वाला बजट होगा।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के सांसदों को दलीय हित से ऊपर उठकर देश के हित के लिए काम करने और सदन में सार्थक चर्चा करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक दलों से भी कहूंगा कि आइए, हम 4-साढ़े 4 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ और सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का उपयोग करें। मैं देश के सभी दलों के सांसदों से आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि गत जनवरी से लेकर हम लोगों के पास जिनता सामथ्र्य था उस सामथ्र्य से जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली, जनता को जो बात बतानी थी बता दी। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया तो किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया।अब वो दौर समाप्त हुआ, देश ने अपना निर्णय दे दिया है, अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीति दलों की विशेष जिम्मेदारी है कि आने वाले पांच वर्षों के लिए हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जूझना है।‘
उन्होंने कहा कि वर्ष 2029 में होने वाले चुनाव से पहले जनवरी 2029 से सांसद चाहे तो फिर से अपने-अपने दल के हित के लिए काम करें, संसद के मंच का भी उपयोग करें लेकिन तब तक देश के युवा, किसान, महिला के सामथ्र्य के लिए, उनको सशक्त करने के लिए जनभागीदारी का एक आंदोलन खड़ा कर 2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए हम पूरी ताकत लगाएं। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत दुख है कि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति और अपनी राजनीतिक विफलताओं को ढंकने के प्रयास के कारण 2014 के बाद से, बहुत से सांसदों को सदन में अपने क्षेत्र की बात रखने और अपने विचारों से संसद को समृद्ध करने का अवसर नहीं मिला।