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BSP का अस्तित्व खतरे में! वोटरों के साथ-साथ फंडिंग देने वालों ने भी किया किनारा, क्या है पार्टी का अगला प्लान? जानिए…

Bahujan Samaj Party : बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व खतरे में नजर आने लगा है। पिछले कुछ चुनावों में पार्टी का ग्राफ लगातार गिरा है। सीटें तो मिली नहीं पर वोटर जरूर खिसक गए। अब तो हाल यह है की न सिर्फ कोर वोटर बल्कि बसपा को आर्थिक मदद करने वाले भी अब उससे कन्नी काटने लगे है। अपनी खोई राजनीतिक जमीन बचाने की कोशिश में जुटी बसपा को अब चिंता सताने लगी है। विधानसभा उपचुनाव के बाद पार्टी बहुजन विचारधारा से दूर हुए लोगों को वापिस जोड़ने की मुहिम छेड़ेगी। बीते दिनों बसपा प्रमुख मायावती की बैठक में यह निर्देश पार्टी की सभी इकाइयों को दिए गए हैं।

बसपा बीते एक दशक से अपने खिसकते वोटरों को बचाने में लगी हुई है। लेकिन अब उसकी चिंता और भी बढ़ गई है। पार्टी पर अब आर्थिक संकट भी आन पड़ा है। पार्टी की गतिविधियों को संचालित करने के लिए पार्टी बहुजन विचारधारा से जुड़े लोगों से आर्थिक मदद लिया करती थी। लेकिन बसपा संस्थापक कांशीराम के समय लोगों के पार्टी छोड़ जाने का असर इस मदद पर भी पड़ा है।

बसपा का शीर्ष नेतृत्व अब यह मान रहा है कि लोगों के बसपा से किनारा करने से चंदा और विचारधारा के आधार पर चलने वाला मूवमेंट दोनों ही प्रभावित हुआ है। लिहाजा पार्टी एक बार फिर अपने टूटे जनाधार को जोड़ने की कोशिश में जुटेगी।

क्या है वापसी करने का प्लान?
बीते एक दशक में हुए हर चुनाव में बसपा की तमाम कोशिशों के बावजूद कोई राजनीति लाभ नहीं मिला है। इसलिए अब वह अपने पुराने फॉर्म्युले पर काम करने की सोच रही है। अकेले चुनाव में जाने के साथ-साथ ग्रास रूट स्तर पर लोगों को बसपा की मूल विचाराधरा से जोड़ने की मुहीम चलाई जाएगी।

बसपा प्रमुख ने क्या कहा?
बसपा प्रमुख मायावती ने बैठक के दौरान पार्टी के सभी को-ऑर्डिनेटरों और पार्टी पदाधिकारियों को साफ कर दिया था कि उन्हें संगठन के विस्तार और मजबूती के लिए अपने प्रयास तेज और करने होंगे। उन्हें अपने लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा जाना होगा ताकि लोगों को बताया जा सके कि उनके हक की लड़ाई केवल बसपा ही लड़ेगी। दूसरी पार्टियों को सिर्फ वोट चाहिए।

लोगों के बीच जाएगें पदाधिकारी-
उपचुनाव के बाद बसपा के जिला स्तरीय पदाधिकारी लोगों से मिलेंगे, लगातार छोटी सभाएं करेंगे और समाज में एकजुटता का संदेश देने वाले कार्यक्रम भी करेंगे। इन सभाओं का मकसद पार्टी की नीतियों को जनता के बीच ले जाना होगा। इन कार्यक्रमों के दौरान लोगों को बसपा प्रमुख के संदेश भी पहुंचाए जाएंगे।

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