मुंबई: राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू ने कहा कि प्रौद्योगिकी की प्रगति से वित्तीय धोखाधड़ी का जोखिम बढ़ रहा है और वृहद आíथक स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक की 90वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में मुमरू ने बैंकिंग परिवेश को मजबूत और सुरक्षित बनाने को सक्रिय कदम उठाने के लिए आरबीआई की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘प्रौद्योगिकी की तेज प्रगति के साथ वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर खतरों का जोखिम भी बढ़ रहा है।’ मुमरू ने कहा कि यह एक बढ़ती हुई चिंता है जिस पर निरंतर निगरानी की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘यह स्थायी साझेदारी जटिल आíथक बदलावों से निपटने, महत्वपूर्ण वित्तीय सुधारों को लागू करने और वृहद आíथक स्थिरता बनाए रखने में आवश्यक रही है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि आरबीआई के 90 वर्षों के इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धि लोगों का भरोसा अíजत करना है। उन्होंने कहा कि लोग ‘सहज रूप से’ केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित वित्तीय प्रणाली में सबसे अधिक विश्वास रखते हैं। मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि आरबीआई देश में सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक के रूप में उभरा है।’
मुमरू ने कहा, ‘हम वित्तीय समावेश को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ग्राहक सेवाओं में निरंतर सुधार और उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास वित्तीय स्थिरता तथा दक्षता के हितों को संतुलित करके अपने नियामकीय ढांचे को अनुकूलतम बनाना होगा। हम प्रौद्योगिकी व नवाचार का समर्थन करना जारी रखेंगे। हम सतर्क और दूरदर्शी बने रहेंगे।’ इस अवसर पर आरबीआई की 90 वर्ष की यात्र पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया गया।