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Big Breaking: छत्तीसगढ़ के पूर्व CM Bhupesh Baghel के घर CBI की रेड, आवास सहित कई स्थानों पर की छापेमारी

CBI raids Bhupesh Baghel’s residence: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आपको बता दे कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। इसके साथ ही एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बघेल के एक करीबी सहयोगी के घरों पर भी.

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CBI raids Bhupesh Baghel’s residence: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आपको बता दे कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। इसके साथ ही एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बघेल के एक करीबी सहयोगी के घरों पर भी तलाशी ली गई। हालांकि आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह कार्रवाई किस मामले से जुड़ी है।

भूपेश बघेल के कार्यालय ने दी प्रतिक्रिया

सीबीआई छापे के बाद इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भूपेश बघेल के कार्यालय ने एक बयान जारी किया है। भूपेश बघेल के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित मसौदा समिति की बैठक के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले सीबीआई उनके आवासीय परिसर में पहुंची। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भूपेश बघेल ने कहा गया है, अब CBI आई है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित “ड्राफ़्टिंग कमेटी” की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। उससे पूर्व ही CBI रायपुर और भिलाई निवास पहुँच चुकी है।

ईडी ने की थी रेड

बता दे कि इससे पहले ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई के पदुम नगर इलाके में स्थित घर और उनके सहयोगियों से जुड़े 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। भूपेश बघेल ने कहा था, ‘यह संयोग है या प्रयोग, आप लोग तय करें।’ कवासी लखमा ने जब उपमुख्यमंत्री अरुण साव से सवाल पूछा तो ईडी की टीम उनके पास पहुंच गई। जब मैंने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से सवाल पूछा तो ईडी को आने में चार दिन भी नहीं लगे। इसका मतलब यह है कि हम सवाल नहीं पूछ सकते। यह सरकार हमें डराना चाहती है।’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि ईडी की कार्रवाई हमें रोकने, परेशान करने और दबाव बनाने के लिए है। उन्होंने कहा था कि पहली छापेमारी 2020 में झारखंड चुनाव खत्म होने के बाद की गई थी। इसके बाद जब भी वे चुनाव के लिए दूसरे राज्य गए, छापेमारी की गई।

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