CBI raids Bhupesh Baghel’s residence: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आपको बता दे कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। इसके साथ ही एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बघेल के एक करीबी सहयोगी के घरों पर भी तलाशी ली गई। हालांकि आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह कार्रवाई किस मामले से जुड़ी है।
#WATCH | Raipur: CBI raids underway at the residence of former Chhattisgarh CM and Congress leader Bhupesh Baghel. pic.twitter.com/McOgzts1qk
— ANI (@ANI) March 26, 2025
भूपेश बघेल के कार्यालय ने दी प्रतिक्रिया
सीबीआई छापे के बाद इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भूपेश बघेल के कार्यालय ने एक बयान जारी किया है। भूपेश बघेल के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित मसौदा समिति की बैठक के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले सीबीआई उनके आवासीय परिसर में पहुंची। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भूपेश बघेल ने कहा गया है, अब CBI आई है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित “ड्राफ़्टिंग कमेटी” की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। उससे पूर्व ही CBI रायपुर और भिलाई निवास पहुँच चुकी है।
अब CBI आई है.
आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित “ड्राफ़्टिंग कमेटी” की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है.
उससे पूर्व ही CBI रायपुर और भिलाई निवास पहुँच चुकी है.
(कार्यालय-भूपेश बघेल)
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 26, 2025
ईडी ने की थी रेड
बता दे कि इससे पहले ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई के पदुम नगर इलाके में स्थित घर और उनके सहयोगियों से जुड़े 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। भूपेश बघेल ने कहा था, ‘यह संयोग है या प्रयोग, आप लोग तय करें।’ कवासी लखमा ने जब उपमुख्यमंत्री अरुण साव से सवाल पूछा तो ईडी की टीम उनके पास पहुंच गई। जब मैंने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से सवाल पूछा तो ईडी को आने में चार दिन भी नहीं लगे। इसका मतलब यह है कि हम सवाल नहीं पूछ सकते। यह सरकार हमें डराना चाहती है।’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि ईडी की कार्रवाई हमें रोकने, परेशान करने और दबाव बनाने के लिए है। उन्होंने कहा था कि पहली छापेमारी 2020 में झारखंड चुनाव खत्म होने के बाद की गई थी। इसके बाद जब भी वे चुनाव के लिए दूसरे राज्य गए, छापेमारी की गई।