भोपाल: मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने मंगलवार को चार अलग-अलग हिस्सों से संत रविदास समरस यात्र को हरी झंडी दिखाई, जो अगले 18 दिनों में राज्य के 52 में से 46 जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा 12 अगस्त को सागर जिले के बस्तुरमा में समाप्त होगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 100 करोड़ रुपये के संत रविदास मंदिर की आधारशिला रखेंगे।
प्रदेश चुनाव समिति के संयोजक नियुक्त किए गए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने श्योपुर से यात्र की शुरुआत की।धार से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय; बालाघाट से राज्य के शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह; एवं नीमच से एसटी/एससी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रमुख लाल सिंह आर्य भी उपस्थित थे।एसटी/एससी सेल के राष्ट्रीय प्रमुख लाल सिंह आर्य ने आईएएनएस को बताया, ‘‘यात्र के दौरान, 53,000 गांवों से मिट्टी एकत्र की जाएगी और यात्र मार्ग पर पड़ने वाली सभी नदियों से पानी एकत्र किया जाएगा। इसका उपयोग मंदिर निर्माण में किया जाएगा। पुजारी सामाजिक सद्भाव का संदेश फैलाएंगे।’’
यात्र को उस समय हरी झंडी दिखाई गई है, जब विपक्षी कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में आदिवासियों और एसटी/एससी लोगों के खिलाफ अत्याचार को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है।राज्य में 16 प्रतिशत दलित वोट हैं और भाजपा आगामी चुनावों में उनका समर्थन हासिल करने के लिए अपनी टैग लाइन सबका साथ, सबका विकास के साथ उभरती नाराजगी को कम करने की कोशिश कर रही है।
2013 के विधानसभा चुनावों में जब भाजपा ने कुल 165 सीटें जीती थीं और 35 एससी सीटों में से 28 सीटें जीती थीं । कांग्रेस केवल चार सीटें जीतने में सफल रही, उसके बाद बहुजन समाज पार्टी ने तीन सीटें जीतीं।2018 में भाजपा ने 35 आरक्षित सीटों में से केवल 18 सीटें जीतीं।बुंदेलखंड के जिस सागर जिले में मंदिर का शिलान्यास समारोह होगा, वहां दलित आबादी 20-25 फीसदी है. इस यात्र की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फरवरी में की थी।