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कालीघाट में राम की पूजा के लिए पुलिस की अनुमति न मिलने पर कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचे भाजपाई

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है और मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की उम्मीद है।

कोलकाता: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर कोलकाता पुलिस द्वारा 22 जनवरी को कालीघाट में भगवान राम की पूजा करने की अनुमति न देने पर पश्चिम बंगाल भाजपा ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है और मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की उम्मीद है।कोलकाता का प्रतिष्ठित कालीघाट काली मंदिर और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आवास भी उस क्षेत्र के पास है, जहां भाजपा समर्थति एक स्थानीय क्लब ने 22 जनवरी को कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है।

याचिकाकर्ता भाजपा मीडिया सेल के प्रमुख तुषार कांति घोष ने दावा किया है कि हालांकि स्थानीय क्लब बहुमुखी सेवा समिति ने कम से कम एक महीने पहले भगवान राम की पूजा आयोजित करने के लिए पुलिस की अनुमति मांगी थी। मगर कालीघाट पुलिस ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

यह कार्यक्रम लोगों के बीच ‘प्रसाद’ वितरित करने और इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के अलावा विशाल एलईडी स्क्रीन पर अभिषेक समारोह की लाइव स्क्रीनिंग की भाजपा की राज्यव्यापी योजनाओं का हिस्सा है।

घोष के अनुसार, बहुमुखी सेवा समिति ने इसके लिए पुलिस से अनुमति भी मांगी। हालांकि उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने बिना कोई वैध कारण बताए अनुमति देने से इनकार कर दिया है और उन्होंने इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है।

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