Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

सुप्रीम कोर्ट पुल ढहने की घटनाओं से संबंधित याचिका को सूचीबद्ध करने पर करेगा विचार, पुल ढहने की दस घटनाएं आईं थी सामने

Bridge collapse incidents : भारतीय उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने की सहमति व्यक्त की, जिसमें बिहार में हाल के महीनों में कई पुलों के ढह जाने के बाद उनकी सुरक्षा और उनके स्थायित्व को लेकरचिंता जतायी गयी है। इस जनहित याचिका में संरचनात्मक ऑडिट करने तथा एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की पीठ ने इस साल 29 जुलाई को जनहित याचिका पर बिहार सरकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं अन्य संबंधित निकायों से जवाब मांगा था।

मुख्य न्यायधीश ने क्या कहा-
सोमवार को याचिकाकर्ता के वकील ब्रजेश सिंह ने सुनवाई के लिए इस अर्जी का उल्लेख किया। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं इस पर गौर करूंगा।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने जानना चाहा कि क्या इस संबंध में उनके कार्यालय को एक ई-मेल भेजा गया है।

अधिकारियों को जारी हुआ नोटिस-
शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार एवं NHAI के अलावा सड़क निर्माण विभाग के मुख्य सचिव, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और ग्रामीण कार्य विभाग के अवर मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया है।

कहां-कहां गिरे पुल-
इस साल मई, जून और जुलाई के दौरान बिहार के सिवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में पुल ढहने की दस घटनाएं सामने आईं। कई लोगों का दावा है कि भारी बारिश के कारण ये घटनाएं हुईं।

याचिका में क्या है मांग-
याचिका में उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार पुलों की वास्तविक समय पर निगरानी की मांग भी की गयी है। जनहित याचिका में मानसून के दौरान बिहार में आमतौर पर भारी वर्षा होने और बाढ़ आने के मद्देनजर पुलों की सुरक्षा एवं उनके स्थायित्व को लेकर चिंता प्रकट की गयी है।

 

Exit mobile version