नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) की शक्तियों में इजाफा कर दिया है। अब एलजी राजधानी में प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय बना सकेंगे। इसके अलावा वह इन सभी निकायों में सदस्यों की नियुक्ति भी कर सकेंगे।
पहले यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास था। गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात एलजी की शक्तियां बढ़ाने से संबंधित अधिसूचना जारी की। मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 के तहत लिया गया है।
राजपत्र की प्रति
केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद आज दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की 12 वार्ड समितियों के चुनाव होंगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने सभी वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए हैं। उन्होंने एमसीडी के सभी जोन के उपायुक्तों को पीठासीन अधिकारी बनाया है।
इससे पहले मेयर शैली ओबेरॉय ने वार्ड कमेटियों की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया था। इसी बीच केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दे दिया। दिल्ली एलजी को अधिकार देना दरअसल आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए बड़ा झटका है। दरअसल, चुनाव कराने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 30 अगस्त को पूरी हो गई थी। एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए फाइल भेजी थी, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने नियुक्ति करने से इनकार कर दिया।