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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114Chhath Puja : छठ पूजा के शुभ अवसर पर देशभर से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड जाने वाली विभिन्न एयरलाइंस की टिकटें आसमान छूने लगी हैं। यह इतनी महंगी है कि पटना और दरभंगा की फ्लाइट के किराए तो सिंगापुर, बैंकॉक, दुबई और मलेशिया तक से महंगे हो गए हैं।
पूर्वांचल जाने के लिए दिल्ली के साथ-साथ मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरू और हैदराबाद में ट्रेनों के साथ फ्लाइट्स में भी मारामारी है। इस पर ट्रेवल एजेंटों का कहना है कि फेस्टिवल सीजन में किराया हर बार ही महंगा होता है। इस बार कई स्थानों से पूर्वांचल के लिए फ्लाइट्स कुछ अधिक महंगी हैं। इसके बावजूद आसानी से बुकिंग नहीं मिल पा रही हैं। ट्रेनों का हाल तो और भी बुरा है। फ्लाइट में अधिक पैसा देकर कम से कम टिकट तो मिल जा रही है, ट्रेनों में एजेंट को पैसा देने के बावजूद कन्फर्म टिकट नहीं मिल रही। टिकटों के लिए मारामारी को देखते हुए कुछ लोग सड़क मार्ग से भी निकल रहे हैं।
दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों से पटना और दरभंगा का फेयर 13 हजार से 18 हजार रुपये तक पहुंच गया है। विभिन्न साइटों पर सूरत से पटना का एयर फेयर 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर के बीच 13 हजार से 20 हजार रुपये से भी अधिक तक पहुंच गया है, जो अन्य शहरों के मुकाबले सबसे अधिक है। इस समय दिल्ली से दुबई, मलेशिया, बैंकॉक और सिंगापुर के एयर फेयर की बात की जाए तो यह 4 से 8 अक्टूबर के बीच 10 हजार रुपये से करीब 20 हजार रुपये तक का मिल रहा है।
महंगी टिकटों के हिसाब से पटना और दरभंगा जाना विदेश जाने से महंगा पड़ रहा है। बता दें कि 6 अक्टूबर के बाद से पटना, दरभंगा और रांची से दिल्ली, मुंबई और गुजरात समेत देश के अन्य शहरों में जाने वाली तमाम फ्लाइटों के किराए बेहद कम होते हुए आधे से भी कम हो गए हैं। छठ पूजा पर बिहार जाने वाली तमाम फ्लाइटों के किराए महंगे हुए हैं, जबकि छठ के बाद से वही किराए आधे से भी कम हैं।
त्योहारों के मौसम में टिकटों की मारामार हर साल ऐसे ही होती है। रेलवे में कन्फर्म टिकट नहीं मिलता और फ्लाइटों के किराए आसमान छूने लगते हैं। इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय समेत एविएशन रेगुलेटर DGCA को सख्त कदम उठाने चाहिए। एयरलाइंस को केवल चेतावनी देने से काम नहीं चलेगा, इस पर कंट्रोल करना भी जरूरी। बता दें कि पॉलिसी के तहत एयर फेयर कंट्रोल करना सरकार के हाथ में नहीं है, लेकिन त्योहारों पर फ्लाइटों की डिमांड को देखते हुए, अधिक फ्लाइट ऑपरेट की जा सकती हैं।