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कांग्रेस चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के करार को सार्वजनिक किया जाए : भाजपा

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस से शुक्रवार को मांग की कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के साथ उनका जो भी समझौता हुआ है, उसे सार्वजनिक किया जाए। भाजपा के प्रवक्ता एवं सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने यहां पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ राजनीति के सबसे पुराने पंडित जी के.

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस से शुक्रवार को मांग की कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के साथ उनका जो भी समझौता हुआ है, उसे सार्वजनिक किया जाए। भाजपा के प्रवक्ता एवं सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने यहां पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ राजनीति के सबसे पुराने पंडित जी के खानदान के 53 वर्षीय युवा गांधी भारत, भारतीय समाज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और चीन के बारे में आधारहीन और अनर्गल बयान देने के आदी हो गये हैं। चीन के साथ इनकी सरकार के संबंध कैसे थे और भाजपा की सरकार के कैसे संबंध हैं, यह देश की जनता को अच्छी तरह से पता चल गया है।”

त्रिवेदी ने कहा कि 2020 में एक सरकारी चीनी थिंक टैंक ने कहा था कि थ्येनआनमेन चौक की घटना के बाद चीन कूटनीतिक तौर पर सबसे ज्यादा अलगाव झेल रहा है। लेकिन राहुल गांधी के मन में चीन की बातों पर प्यार कैसे उमड़ रहा है। क्या यह राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले दान का एहसान है या कांग्रेस के सीसीपी के साथ करार का इकरार है। भाजपा सांसद ने कहा कि वह जिन लोगों का हवाला देते हुए आरोप लगा रहे हैं, वह अपने आप उजागर हो रहा है। डोकलाम संघर्ष के समय उन्होंने ना सिर्फ चीनी राजदूत से मुलाकात की बल्कि उनके साथ खाना भी खाया था।

उन्होंने इतिहास के हवाले से कुछ दस्तावेज का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में भारत से लड़ने वाली चीनी सेना को रसद पहुंचायी थी। एक संवाददाता सम्मेलन में स्वयं पंडित जी ने स्वीकार किया था कि चीन की जरूरत के हिसाब से “थोड़ी बहुत” मात्रा में चावल भेजा गया है जो चीन की सेना के लिए है। उन्होंने यह भी कहा था, “हम उनकी मदद कर रहे हैं यद्यपि हम उन्हें तिब्बत के बाहर देखना चाहते हैं।”

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि चीन को उस समय 3500 टन चावल पहुंचाए गये थे ताकि चीनी सेना को जिन्दा रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह कोई मामूली भूल नहीं, अक्षम्य अपराध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सीसीपी के साथ जो करार किया है, उसे सार्वजनिक करना चाहिए। देश की जनता के मन में कांग्रेस और सीसीपी के बीच करार को लेकर संदेह के बादल बहुत गहरे हैं। शायद उन्हें डर है कि करार की शर्तें सार्वजनिक हुईं तो जो बातें श्री राहुल गांधी कर रहे हैं उसकी असलियत खुल जाएगी। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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