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देश में जल संसाधनों के विकास में आंबेडकर के योगदान को कांग्रेस ने नजरअंदाज किया : पीएम मोदी

खजुराहो (मप्र): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेबुधवार को मध्य प्रदेश में ‘केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना’ की आधारशिला रखते हुए देश में जल संसाधनों के विकास में डा. बीआर आंबेडकर के योगदान को नजरअंदाज करने का कांग्रेस पर आरोप लगाया। मोदी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि 21वीं सदी में केवल वे देश और क्षेत्र ही आगे बढ़ सकते हैं, जिनके पास पर्याप्त और अच्छी तरह से प्रबंधित जल संसाधन हैं।

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी आंबेडकर के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद और इस मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस के देशव्यापी विरोध के बीच आई है। मोदी ने कहा, ‘आंबेडकर की दूरदर्शिता और सोच ने देश के जल संसाधनों को मजबूत करने, उनके प्रबंधन और बांध निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।’ उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं के विकास और केंद्रीय जल आयोग के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश की जल संरक्षण की बढ़ती जरूरतों पर कभी ध्यान नहीं दिया और जल संरक्षणवादी के रूप में आंबेडकर के प्रयासों को कभी मान्यता नहीं दी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राज्य के खंडवा जिला स्थित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र का वचरुअल उद्घाटन भी किया और दौधन सिंचाई परियोजना की आधारशिला रखी। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्रमश: बेतवा और केन नदियों के पानी से भरे 2 कलश मोदी को सौंपे, जिन्होंने इसे नदी जोड़ने के काम की शुरुआत के लिए परियोजना के एक मॉडल पर डाला।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सुशासन एक साथ नहीं चल सकते, क्योंकि पिछली कांग्रेस सरकारों ने परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद 35-40 साल तक इसमें कुछ नहीं किया और देरी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा नदी को जोड़ने से बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खुलेंगे। इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के 10 जिलों के करीब 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा। इस परियोजना पर कुल 44,605 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।

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