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कांग्रेस तेलंगाना में विधानसभा चुनाव जीतने के काफी करीब, जल्द होगा क्लियर

नई दिल्ली: एबीपी न्यूज की ओर से सीवोटर द्वारा किए गए विशेष एग्जिट पोल से पता चलता है कि कांग्रेस तेलंगाना में विधानसभा चुनाव जीतने के काफी करीब है।अगर 9,631 के सैंपल साइज़ के साथ किए गए एग्जिट पोल के अनुमान सही रहते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए एक शानदार वापसी होगी, जिसे 2018 में क्षेत्रीय पार्टी बीआरएस ने 119 में से सिर्फ 15 सीटें जीतने दिया था, जबकि बीआरएस ने 88 सीटों के साथ घर वापसी की थी।एबीपी-सीवोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, कांग्रेस को 49 से 65 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि बीआरएस को 38 से 54 सीटें मिलने का अनुमान है।

इस दक्षिणी राज्य में भाजपा तीसरे स्थान पर है, जिसके 5 से 13 सीटें जीतने का अनुमान है। बगल का कर्नाटक कांग्रेस पहले ही जीत चुकी है। इस तरह दक्षिण भारत में भाजपा अपना प्रभाव खोती दिख रही है।कांग्रेस का वोट शेयर नाटकीय रूप से बढ़कर 2018 के 28.3 प्रतिशत से इस बार 40.7 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसके विपरीत, बीआरएस का वोट शेयर 2018 में 46.9 प्रतिशत था, जो तेजी से घटकर इस बार 38.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।भाजपा का वोट शेयर भी 2018 में रहे 7 प्रतिशत से बढ़कर इस बार 16 प्रतिशत होने का अनुमान है; लेकिन यह उसे सत्ता का दावेदार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।

एग्जिट पोल के आंकड़ों से पता चलता है कि जहां एआईएमआईएम अपने गढ़ों पर कब्जा बरकरार रखती आ रही है, वहीं वामपंथी दल जो कभी इस क्षेत्र में बहुत मजबूत थे, इस बार तेलंगाना में उनका लगभग सफाया हो सकता है। एआईएमआईएम सिर्फ 9 सीटों पर लड़ी, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का कांग्रेस के साथ तालमेल है। कांग्रेस ने भाकपा के लिए एक सीट छोड़ी है।

एग्जिट पोल के आंकड़ों में सत्ता विरोधी रुझानों के विश्लेषण से पता चलता है कि इससे कांग्रेस को फायदा है। अगर सभी सीमांत सीटें सत्ताधारी के पक्ष में जाती हैं, तब बीआरएस को 54 से 66 सीटें मिलने का अनुमान है।इसके विपरीत, यदि सभी सीमांत सीटें सत्ता विरोधी हो जाती हैं, तो कांग्रेस को 67 से 79 सीटें मिलने का अनुमान है।लगता है जैसे यूपीए शासन के दौरान तेलंगाना का गठन होने के लगभग 10 साल बाद मतदाताओं ने राज्य के गठन में बड़ी भूमिका निभाने का इनाम कांग्रेस को देने का मन बना लिया।

 

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