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रेल सुरंग बनने से हेंवल नदी के सूखे जलस्त्रोत, कैम्पा फंड से होंगे पुनर्जीवित

Construction of Railway Tunnel : उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में बन रही सुरंग में चार जगह जल रिसाव होने से गंगा की सहायक हेंवल नदी के सात जल स्नेत सूख गए हैं जिन्हें प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के जरिए पुनर्जीवित किया जाएगा।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने यहां बताया कि हेंवल नदी के जल संग्रहण क्षेत्र से बनाई जा रही सुरंग में नीर गद्दू से शिवपुरी तक चार जगह 101 मीटर में जल रिसाव हो रहा है।

उन्होंने बताया कि सूख गए सात जल स्नेतों में चार के पुनर्जीवन के लिए प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने राज्य सरकार की कैम्पा निधि से तीन करोड़ रुपये स्वीकृत कराए हैं। बाकी तीन जल स्नेतों के पुनर्जीवन के लिए भी डेढ़ करोड़ रुपये की कैम्पा में मांग रखी गई है।

उधर, रेल विकास निगम लिमिटेड के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओम प्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि रेल सुरंग में नीर गद्दू में 44 मीटर, क्यारकी में 40 मीटर, शिवपुरी में 12 मीटर व पांच मीटर क्षेत्र में जल रिसाव हो रहा है।

उन्होंने बताया कि इस जल रिसाव को रसायनों और सीमेंट के उपचार से हमेशा के लिए बंद कर दिया जायेगा ताकि किसी भी प्रकार की जलहानि की संभावना को समाप्त किया जा सके।

मालगुड़ी ने बताया कि निगम इस क्षेत्र के पारिस्थितिकीय तंत्र को पुरानी स्थिति में लाने को लेकर गंभीर है।

यह मामला नरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र का है। वन मंत्री और स्थानीय विधायक उनियाल ने कहा कि केंद्र सरकार भी देश की नदीय प्रणाली को भविष्य की आवश्यकतानुसार मजबूत करने के लिए सहायक नदियों का पुनर्जीवन कर उनका पानी का बहाव बढ़ाने की योजना को प्रोत्साहित कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसी के तहत रेल सुरंग के निर्माण से सूखे हेंवल नदी के जल स्नेतों को वानिकी तकनीक के जरिए फिर से बहाल किया जाएगा ताकि गंगा में पानी की पुरानी स्थिति कायम हो सके।

नरेन्द्र नगर वन प्रभाग में सुरकंडा के पास खुरेत-पुजारगांव में हेंवल नदी का उद्गम स्थल है जो शिवपुरी के पास गंगा तक 48 किलोमीटर का फासला तय करती है।

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