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सरकारी स्कूलों में उर्दू की जगह संस्कृत पढ़ाने के आदेश पर विवाद

जयपुर: राजस्थान के कुछ सरकारी स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में उर्दू की जगह संस्कृत को शामिल किएि जाने के आदेश पर विवाद हो गया है। शिक्षा विभाग ने हाल में जयपुर के महात्मा गांधी सरकारी स्कूल (आरएसी बटालियन) को तीसरी भाषा के रूप में उर्दू पढ़़ाने वाली कक्षाओं को बंद करने और इसे एक विकल्प के रूप में शुरू करने का आदेश जारी किया था। कुछ दिनों बाद, बीकानेर के एक सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय को भी तीसरी भाषा को बदलने के लिए इसी तरह का आदेश दिया गया।

इन दोनों आदेशों को लेकर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी के बीच सोमवार को गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि पिछली सरकार ने संस्कृत शिक्षकों को हटाकर उर्दू के शिक्षक भर्ती किए। बेढम ने सोमवार को भरतपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, पिछली (कांग्रेस) सरकार ने संस्कृत शिक्षकों को हटाकर उनकी जगह उर्दू शिक्षकों को नियुक्त किया था। अब हम उर्दू नहीं जानते और कोई भी उस विषय को पढ़़ता भी नहीं है, इसलिए हम उर्दू शिक्षकों के पदों को समाप्त करेंगे और यहां लोगों को जिस तरह की शिक्षा चाहिए, वह प्रदान करेंगे। यह बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ।

राजस्थान के उर्दू शिक्षक संघ ने मंत्री की टिप्पणी को निराधार और गैर जिम्मेदाराना बताया। आपत्ति जताते हुए कांग्रेस विधायक रफीक खान ने दिलावर को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विद्यालय में 127 विद्यार्थी तीसरी भाषा के रूप में उर्दू पढ़ रहे हैं और उर्दू कक्षाएं बंद करने से विद्याíथयों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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