सनातन धर्म में गाय सेवा को दिया गया है प्रमुख स्थान: बाबा बाल जी

ऊना: राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि इतिहास जानता है कि संत महापुरुष गाय रखते थे और उनकी पूजा अर्चना करते थे। गाय को भारतीय संस्कृति में माता का दर्जा दिया गया है और सनातन धर्म में गाय की सेवा को प्रमुखता से रखा गया है। बाबा बाल जी महाराज वीरवार को.

ऊना: राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि इतिहास जानता है कि संत महापुरुष गाय रखते थे और उनकी पूजा अर्चना करते थे। गाय को भारतीय संस्कृति में माता का दर्जा दिया गया है और सनातन धर्म में गाय की सेवा को प्रमुखता से रखा गया है। बाबा बाल जी महाराज वीरवार को रक्कड़ कॉलोनी स्थित श्री बाल गोपाल गोलोक धाम संस्थान में गौ उत्सव एवं संत सम्मेलन में प्रवचन कर रहे थे। इससे पहले सुबह हवन डाला गया और गौ पूजा की।

बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि श्री कृष्ण ने भी गाय की सेवा की थी, इसी लिए गाय की सेवा को पुण्य के साथ जोड़ा जाता है। उन्होंने श्री बाल गोपाल गाऊ लोक धाम द्वारा स्थापित गऊशाला की सराहा करते हुए कहा कि इस गऊशाला में अधिकतर गाय वें है, जो सड़को पर लवारिस घुमती थी। उन्हें आश्रय दिया गया है और सैकड़ों लोग इस गऊशाला से जुड़कर सेवा के कार्य में जुटे है, जो कि पुण्य कमाने के सामान है। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन द्वारा अनेक गऊशालाएं खोली जा रही है। इनका बेहतर संचालन हो, इसके लिए स्थानीय लोगों को इसमें शामिल करना चाहिए और निराश्रित गाय को गऊशालाओं में सहारा दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर हरिहर तीर्थ जी, अलका तीर्थ जी, शिवानंद जी, स्वामी कमल जी, बाबा अजीत सिंह जी, बाबा बड़भागी जी, बाबा इन्द्र दास, स्वामी राम किशन व स्वामी राम चरण दास मौजूद रहे। संत सम्मेलन के दौरान लंगर का प्रसाद भी वितरण किया गया।

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