CPIM ने रामपुर में बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी और असमानता को लेकर किया धरना प्रदर्शन

रामपुर बुशहर (मीनाक्षी): सीपीआईएम ने रामपुर में बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व जनता की रोजी-रोटी पर लगातार जारी हमलों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए लोकल कमेटी सचिव कुलदीप डोगरा, रणजीत ठाकुर, प्रेम चौहान, दिनेश मेहता और अमित ने कहा कि 2014 के बाद से केंद्र में भाजपा के नेतृत्व.

रामपुर बुशहर (मीनाक्षी): सीपीआईएम ने रामपुर में बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व जनता की रोजी-रोटी पर लगातार जारी हमलों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए लोकल कमेटी सचिव कुलदीप डोगरा, रणजीत ठाकुर, प्रेम चौहान, दिनेश मेहता और अमित ने कहा कि 2014 के बाद से केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के चलते बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। जनता की अपनी अवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च करने की क्षमता घट रही है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भूखमरी बढ़ रही है। भूख से जूझ रहे देशों की श्रेणी में भारत पिछड़ कर 121 देशों में 107 वें पायदान पर पहुंच गया है। इन आंकड़ों से मोदी सरकार की देश में तथाकथित विकास के ढिंढोरे की पोल खुल गई है।

आज भारत में मंदी के हालात औऱ तीव्र हो रहे हैं। सरकार मात्र प्रचार प्रसार कर ही दावे कर रही है कि देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है परन्तु सरकार उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक निवेश ही नहीं कर रही है। जिससे देश में रोजगार नहीं बढ़ रहा है तथा जनता की गरीबी व बदहाली बढ़ रही है। सरकार की इन नीतियों से अमीर और अमीर और गरीब और गरीब हुआ है।

हाल ही में आई आक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार भारत की 40 प्रतिशत से अधिक की संपति का स्वामित्व केवल कुल आबादी के 1 प्रतिशत हिस्से के हाथों में है। 10 सबसे अमीर भारतीयों की संपदा 2022 में 27.52 लाख करोड़ रूपये थी और इसमें वर्ष 2021 की तुलना में 32.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आप इसकी विशालता का अंदाजा इस तथ्य से लगा सकते हैं कि यह आयुष मंत्रालय 30 से अधिक वर्षों के लिए या 26 वर्षों के लिए भारत के केंद्रीय शिक्षा बजट को वित्तपोषित कर सकता है या 38 वर्षों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को वित्तपोषित कर सकता है।

बजट में खाद्य सब्सीडी में भी 90,000 करोड़ रूपये की कटौती की गई है। एक ओर सरकार 81.35 करोड़ लोगों का मुफ्त राशन देने का ढिंढोरा पीट रही है तो दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा कानून (FSA) के तहत मिलने वाले सस्ते राशन को बंद किया जा रहा है। इससे जनता को बाजार से महंगा राशन लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं (आटा, दूध, तेल, दाल व चावल आदि) के दामों में भारी वृद्धि हो रही है। हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा पेश कि, बजट में मंहगाई को कम करने के लिए कोई प्रावधान नहीं रखे गए उल्टा जनता को खाद्य वस्तुओं में मिल रही सबसीडियों को कम किया जा रहा है जिससे मंहगाई में बढ़ौतरी होगी।

मोदी सरकार के द्वारा न्यायपालिका जो एक संवैधानिक संस्था है पर हमले निरन्तर बढ़ रहे है। सरकार न्यायपालिका में भर्ती प्रक्रिया को लेकर निरंतर टकराव की स्थिति में है तथा उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालयों में जजों की भर्ती पर भी अडगें अडा रही है तथा न्यायपालिक की निष्पक्षता व स्वतंत्रता पर हमला कर रही है। सरकार न्यायपालिका को कार्यपालिका का अधीनस्थ बनाना चाहती है जोकि सरकार के तानाशाहपूर्ण रवैय का संकेत है। धरने प्रदर्शन में अनूप राम, ब्रिकम, पुष्प राम, संदीप, सराज, राजमंजर, नौशाद, अरुण, योगराज, राहुल, बंटी, नेहा, बिनु, गोविंद, अरविंद, बिट्टू, रामानंद, मनी राम आदि मौजूद र

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