नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने उसके सेवानिवृत्त खोजी व हमलावर कुत्ताें को आम लोगों को गोद देने के लिए पहली बार ऑनलाइन सेवा शुरू की है जिसका मकसद देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के श्वानों को सुखद जीवन देना है। यह शायद पहली बार है कि किसी सुरक्षा बल ने अपने प्रशिक्षित कुत्ताें को आम लोगों को गोद देने के लिए इस तरह की पेशकश की है। दरअसल, इस तरह के कदमों को लेकर यह आशंका रहती है कि राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा इन अत्यधिक कुशल और प्रशिक्षित कुत्ताें का दुरुपयोग न किया जाए। अब तक केंद्रीय बल और राज्य पुलिस अपने सेवानिवृत्त कुत्ताें को देखभाल के लिए पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) या प्रतिष्ठित संगठनों को सौंपते रहे हैं। चार नस्लों – बेल्जियन शेफर्ड मालिनोइस, जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर और मुधोल हाउंड – के 30 से अधिक कुत्तों को अब कठोर प्रक्रिया के माध्यम से गोद लिया जा सकता है। इस प्रक्रिया की निगरानी बेंगलुरु के पास स्थित सीआरपीएफ का विशेष श्वान प्रजनन एवं प्रशिक्षण स्कूल (डीबीटीएस) द्वारा की जाएगी।