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तमिलनाडु में चक्रवात ‘फेंगल’ ने मचाई भारी तबाही… कई जिलों में आई बाढ़, टूटी सड़के कई हजार लोग हुए बेघर 

Cyclone ‘Fengal’ : तमिलनाडु में मूसलाधार बारिश से प्रभावित कई जिले बाढ़ की समस्या, बुरी तरह क्षतिग्रस्त सड़कों और आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझ रहे हैं। विल्लुपुरम जिले के अरासुर जैसे कुछ क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझ रहे लोगों ने आवश्यक सामग्री की मांग को लेकर अचानक आंदोलन शुरू कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से बात कर राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली और उन्हें केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
तमिलनाडु सरकार के अनुमान के अनुसार, चक्रवात ‘फेंगल’ से 14 जिलों में भीषण तबाही मची है। सड़कों, बिजली की लाइन को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और चक्रवात के कारण भारी बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है। अचानक आई बाढ़ से न केवल विशाल क्षेत्र जलमग्न हो गए, बल्कि इससे आबादी भी विस्थापित हुई और बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा।
राज्य सरकार ने कहा कि इस ‘‘विनाशकारी घटना’’ के कारण 12 लोगों की जान चली गई, 2,416 झोपड़ियां, 721 मकान नष्ट हो गए तथा 963 मवेशी मारे गए। कृषि और बागवानी फसलों तथा सिंचाई प्रणालियों को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है। अरासुर में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए मंदिर में शरण लिए 18 लोगों को बचाया गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) र्किमयों ने कुड्डालोर जिले के एक गांव में फंसे लोगों और पशुओं को सफलतापूर्वक निकाला और सुरक्षित स्थान पहुंचाया।
तिरुवन्नामलाई जिले में एक दुखद घटना में एक दिसंबर को अन्नामलाईयार पहाड़ी की चोटी से एक चट्टान लुढ़ककर आवासीय मकान पर गिर गई जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें फंसे पांच बच्चों सहित सात लोग बचाव अभियान के दौरान मृत पाए गए।
पुलिस ने बताया कि लगभग 24 घंटे के बचाव अभियान के बाद दो दिसंबर की शाम को उनके शव बरामद किए गए। राज्य के लोक निर्माण एवं राजमार्ग मंत्री ई.वी.वेलु ने तिरुवन्नामलाई जिले में पर्वतीय क्षेत्र के निचले इलाके में स्थित ‘वीओसी नगर’ में बचाव कार्य का निरीक्षण किया और कहा कि इस क्षेत्र में पहले कभी मिट्टी धंसने की घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अन्नामलाईयार पर्वतीय क्षेत्र में 1965 के बाद से बहुत भारी बारिश हुई है, जिससे फसलों, जान-माल को नुकसान पहुंचा है।
 इस बीच, नीलगिरि, रानीपेट, सेलम और तिरुवन्नमलाई जिलों में शैक्षणिक संस्थान आज बंद रहे। मुख्यमंत्री स्टालिन ने यहां सचिवालय में अपने कैबिनेट सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की तथा चक्रवात से हुए नुकसान की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं पुनर्वास गतिविधियों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
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